केप केनवेरल (अमेरिका) | यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक अंतरिक्ष यान ने सूर्य की अब तक की सबसे नजदीकी तस्वीरें ली हैं जिनमें हर जगह छोटी-छोटी अनगिनत आग की लपटें उठती दिखाई देती हैं। वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष यान ‘सोलर ऑर्बिटर’ द्वारा ली गईं पहली तस्वीरें बृहस्पतिवार (16 जुलाई) को जारी कीं।
यह यान फरवरी में केप केनवेरल से रवाना हुआ था। इसने जब तस्वीरें लीं तो उस समय यह सूर्य से लगभग सात करोड़ 70 लाख किलोमीटर की दूरी पर यानी कि धरती और सूरज के बीच लगभग आधे रास्ते में था।
SolarOrbiter has made its first close pass by the Sun, studying our star and space with a comprehensive suite of instruments — and the data is already revealing previously unseen details. This is #TheSunUpClose. https://t.co/rVMjz45DoY pic.twitter.com/YLKBXRNQZb
— NASA Sun & Space (@NASASun) July 16, 2020
यान द्वारा ली गईं सूर्य की इन तस्वीरों में हर जगह छोटी-छोटी अनगिनत आग की लपटें उठती दिखाई देती हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के परियोजना वैज्ञानिक डेनियल मुलर ने कहा कि टीम ने आग की इन लपटों को ”कैम्फायर्स” नाम दिया है।
दूसरी ओर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पहले मंगल अभियान को खराब मौसम के कारण फिर स्थगित कर दिया है। इसका प्रक्षेपण जापान से किया जाना था। मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज (एमएचआई) ने कहा कि यूएई के मंगलयान का नाम ‘अमल’ या उम्मीद है, जिसे जापान के एच-2ए रॉकेट के जरिए बुधवार (15 जुलाई) को दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया जाना था, लेकिन इसे शुक्रवार (17 जुलाई) तक के लिए स्थगित किया गया था। अब बुधवार को इसे फिर स्थगित कर दिया गया, लेकिन कब तक, यह तारीख नहीं बताई गई है। मित्सुबिशी का एच-2ए रॉकेट यूएई के यान को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
मंगल ग्रह पर पहुंचना वैज्ञानिकों की सबसे खूबसूरत कल्पनाओं में शुमार रहा है, लेकिन कई मिशन वहां पहुंचने से पहले नाकाम हो चुके हैं और 50 प्रतिशत से ज्यादा मिशन विफल रहे हैं। केवल अमेरिका मंगल तक अपना अंतरिक्षयान सफलतापूर्वक पहुंचा पाया है। वह 1976 में वाइकिंग्स से शुरुआत करके आठ बार ऐसा कर चुका है। नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं। छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं। इनमें से तीन अमेरिका, दो यूरोप और एक भारत का है।