विशेष संवाददाता
क्राइम ब्रांच देश में कोरोना बाँटने के जिम्मेदार तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद का अभी तक गिरफ्तार न हो पाना आश्चर्यजनक है। कहा जा रहा है साद के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में क्राइम ब्रांच एक कदम और आगे बढ़ी है, लेकिन उसने यह नहीं बताया अभी तक कि फरार साद को पकड़ने के लिए उसने क्या किया ? क्राइम ब्रांच ने यह दावा जरूर किया कि उसने मरकज प्रबंधन से जुड़े साद के करीबी पांच नामजद आरोपियों के पासपोर्ट सहित कुछ अन्य दस्तावेज जांच के लिए कब्जे में लिए हैं।

पांचों आरोपी मौलाना साद के करीबी नेटवर्क में होने के कारण मरकज की महत्वपूर्ण यूनिट की कमान संभालते थे। जांच टीम की इस कार्रवाई के बाद अब इनमें से कोई भी आरोपी जांच-पड़ताल की प्रक्रिया पूरी हुए बगैर देश से बाहर नहीं जा पाएगा। बताया जाता है कि इन्हीं आरोपियों की जानकारी में मौलाना साद मरकज से जुड़े सभी बड़े फैसले लेते थे। टीम मौलाना साद के घर और फार्म हाउस पर भी छापे मार चुकी है।

11 की बारीकी से जांच

मौलाना के तीन बेटे और एक भांजा समेत चार लोग जमात से जुड़ी आर्थिक व्यवस्था की कमान संभालते हैं। इसलिए जांच टीम इन चारों सहित करीबी नेटवर्क के कुल 11 लोगों की बारीकी से जांच कर रही है। इनमें से भी साद का बीच वाला बेटा ज्यादा सक्रिय रहता है।
 
आरोपियों को मौलाना ने मरकज की कोर टीम में शामिल कर रखा था। किसी भी महत्वपूर्ण मसले पर मौलाना साद इन आरोपियों से मशविरा जरूर लेते थे। मरकज की कोर टीम में इन आरोपियों के अलावा मौलाना के बीच वाले बेटे का भी दखल था।
 
क्राइम ब्रांच विदेशी जमातियों के बयान दर्ज कर रही क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए विदेशी जमातियों को भी नोटिस देकर उनके पासपोर्ट, वीजा सहित अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। क्राइम ब्रांच इनके बयान भी दर्ज कर रही है। विदेशों से आए 916 जमातियों को राजधानी के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में खा गया है। सोमवार तक इनसे पूछताछ पूरी हो जाएगी।

एक बात समझ से परे है कि करीबियों से पुलिस यह नहीं उगलवा लगा सकी कि साद कहाँ छिपा बैठा है या उससे क्राइम ब्रांच की कोई डील हुई है। क्या उसने ईद तक की मोहलत माँगी थी ? क्राइम ब्रांच को इसका जवाब देना होगा।

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