मध्य प्रदेश में कमलनाथ की 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए कर्नाटक वाले हथकंडे को दोहराने का प्रयास किया जा सकता । कई तरह के जतन करने पड़ रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष पार्टी के 22 में से 21 विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार कर देंगे। इसके पीछे तर्क है कि इस्तीफे में ‘राज्य विधानसभा’ शब्द नहीं लिखा गया है। इस्तीफा देने वालों में अशोक नगर के ब्रिजेंद्र सिंह यादव एकमात्र विधायक हैं, जिन्होंने अपने पत्र में ‘विधानसभा’ शब्द लिखा है, बाकी सभी विधायकों ने केवल सभा लिखा है। विधानसभा के अधिकारियों ने भी इसको स्वीकारा है। उनका कहना है कि इस आधार पर इस्तीफा अस्वीकार हो सकता है। इसके अलावा एक तकनीकी पेच यह भी है कि इस्तीफा विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर नहीं, बल्कि ईमेल से दिया है। उनको कर्नाटक की तरह स्पीकर के सामने उपस्थित रह कर इस्तीफा पेश करना होगा।

मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने बुधवार को एक याचिका पेश कर निवेदन किया कि इस्तीफा देने वाले कुल 22 विधायकों में छह विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाए। राज्य कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने बताया कि ये छह विधायक कमलनाथ सरकार में मंत्री भी हैं और इन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधि में भाग लिया।

इस्तीफा देने वाले मंत्री और विधायक बेंगलूरु के एक रिजार्ट में ठहरे हैं। उन लोगों ने अपने इस्तीफे ईमेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष को भेजे थे। बाद में बीजेपी के विधायक भूपेंद्र सिंह बेंगलूरु से इसकी मूल प्रति भोपाल ले आए और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापित को सौंपा। इस्तीफों को राज्यपाल लालजी टंडन को भी भेजा गया है।

दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के सीएम कमल नाथ ने बुधवार को इक अंग्रेजी दैनिक से बात करते हुए उम्मीद जताई कि विधानसभा के अंदर फ्लोर टेस्ट में उनकी सरकार बहुमत साबित करने में सफल रहेगी। विधानसभा का सत्र 15 मार्च से शुरू हो रहा है।

यह पूछे जाने पर कि उनकी उम्मीद का आधार क्या है और क्या वह होली पर इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों में से कुछ के संपर्क में हैं, उन्होंने जवाब में कहा, “हां, हम उनके संपर्क में हैं। हर कोई हर किसी से बात कर रहा है, मैं केवल इस स्तर पर कह सकता हूं। मीडिया को यह बात समझ नहीं आ रही है कि अगर कांग्रेस के विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, तो वे भोपाल में क्यों नहीं हैं? उन्हें भोपाल आने और व्यक्तिगत रूप से इस्तीफा देने की अनुमति क्यों नहीं दी गई है? यदि उन्हें बंदी नहीं रखा गया है तो उन्हें यहां होना चाहिए।”

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