नई दिल्ली। कानपुर देहात क्षेत्र में 8 पुलिसवालों की हत्या करने का आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे चंबल (Chambal) के बीहड़ों में छिप गया है। इटावा के रास्ते 3 राज्यों की सीमाओं को जोड़ने वाले आगरा सेंटर को उसने अपनी मंज़िल बनाया है। यह वो जगह है जहां से सिर्फ 30 मिनट के वक्त में यूपी (UP) से एमपी और राजस्थान में आया और जाया जा सकता है। इसी के चलते विकास दुबे के नेपाल (Nepal) भागने की कम ही उम्मीद जताई जा रही है।
दूसरी वजह यह भी है कि चीन विवाद के चलते इस वक्त नेपाल बॉर्डर पर खासा सख्त पहरा है। पहले भी कुख्यात अपराधी इस तीन राज्यों की सीमाओं वाले इस सेंटर का फायदा उठा चुके हैं। गौरतलब रहे कि स्पेशल टास्क् फोर्स के अलावा यूपी पुलिस के 40 थानों की फोर्स विकास दुबे की तलाश में लगी हुई है।
यूपी के पूर्व डीजीपी रहे विक्रम सिंह ने न्यूज18 हिंदी से बातचीत में बताया कि जिस तरह से औरैया में विकास दुबे की आखिरी लोकेशन ट्रेस हुई है, तो उससे बहुत संभावना है कि उसने इटावा के रास्ते चंबल के बीहड़ का रास्ता पकड़ लिया हो। बीहड़ के अंदर से होते हुए आगरा तक पहुंचा जा सकता है। आगरा पहुंचने के बाद एमपी और राजस्थान में दाखिल होना आसान हो जाता है।
कुख्यात अपराधियों के मामले में अक्सर देखा गया है कि सेटिंग के चलते दो स्टेट की पुलिस में कोऑर्डिनेशन बनना मुश्किल हो जाता है या फिर दूसरे स्टेट की पुलिस दिखावे के लिए अपने यहां सर्च ऑपरेशन चलाती है, लेकिन अपराधी उसके यहां छिपा बैठा रहता है। बीहड़ के कितने ही बागी इस झोल का फायदा उठाकर आतंक का खूनी खेल खेलते रहे हैं।
दूसरी बात यह भी है कि बारिश के मौसम में चंबल नदी में पानी आ जाता है। बारिश के चलते हरियाली भी उग आती है। ऐसे में अगर चंबल की किसी टेकरी के पास से पुलिस के 10 ट्रक भी गुज़र जाएं तो यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि टेकरी के पीछे कौन छिपा बैठा है।
कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल ने रविवार को बताया कि विकास दुबे के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है और जल्द ही सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है । कितने पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से बात की, इस मामले की जांच चल रही है। मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी पुलिसकर्मी की भूमिका सामने आई तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उनपर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे आरोपियों पर 307 का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर वे बर्ख़ास्त भी होंगे। आईजी ने बताया कि इस पूरी घटना में 21 नामजद हैं और 50-60 अज्ञात हैं।