आपकी बात श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सीईओ विशाल सिंह के साथ
पदम पति शर्मा
प्रधान संपादक
वाराणसी। हमारी हर चंद कोशिश श्री विश्वनाथ सनातन धर्म कालेज की प्रबंध समिति की ओर से बरती गयी तमाम अनियमितता और धांधली की विधिवत जांच करा कर उसको नियंत्रण में लेने की है। कालेज को मिली 18 एकङ जमीन पर मेडिकल कालेज, वैदिक पाठशाला, महिला डिग्री कालेज आदि खोलने का भी न्यास का इरादा है।
उक्त उद्गार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के है जो उन्होंने नेशन टुडे डाट काम के साथ विशेष भेंट वार्ता में व्यक्त किये।
अपनी इस वीडियो वार्ता के दौरान श्री सिंह ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर को 1982-83 में प्रदेश सरकार ने जब नियंत्रण में लिया था तब तत्कालीन अधिकारियों का ध्यान इस विद्यालय की ओर नहीं जा सका था। न्यास के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं उससे यह स्पष्ट है कि इस विद्यालय की स्थापना मंदिर के महंतो ने क्षेत्रीय जनता के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए की थी। दस्तावेज देखने से प्रतीत होता है कि विद्यालय के समस्त खर्च श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और छात्रों से मिलने वाली फीस से वहन किये जाएंगे।
यह पूछे जाने पर कि मंदिर को मिली 18 एकड जमीन के बारे में न्यास की क्या योजना है, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि न्यास की लीगल टीम समस्त दस्तावेजों की छानबीन में लगी है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद न्यास विद्यालय और जमीन दोनो को नियंत्रण में लेगा ही और जैसा कि मैने पहले बताया कि जन कल्याण के लिए जो भी बन पडेगा, करेगा।
प्रबंध समिति को जमीन से होने वाली आय हो या सदस्यता शुल्क सभी की जांच की जाएगी। सदस्य बनाने में की गयी धांधली का भी पर्दाफाश किया जाएगा।
कालेज की प्रबंध समिति के मैनेजर के कार्यकलापों के बारे में शासन से शिकायत की गयी थी। यही नहीं सिगरा में स्थित जिस संत रघुवर नगर कालोनी के बतौर अध्यक्ष कालेज के मैनेजर ने नियमों की ऐसी तैसी करते हुए जो भी धतकरम किए हैं, वाराणसी विकास प्राधिकरण इसकी विस्तृत जांच कर रहा है।
अनाधिकृत जमीन पर होटल, अवैध पार्किंग के अलावा आधा दर्जन फ्लैट लेने के भी इस मैनेजर पर आरोप है। शिकायत सही पाए जाने पर प्राधिकरण कडी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा। यही नहीं कोआपरेटिव सोसाइटी के अन्तर्गत आने वाली इस कालोनी के लिए जन कल्याणार्थ आवंटित जमीन को भी बेच देने के आरोप की प्राधिकरण जांच में जुटा है।
गौरतलब है कि प्राधिकरण से इस बाबत दशकों पहले शिकायत की गयी थी। विद्यालय में प्रबंध समिति की धांधली को लेकर जिलाधिकारी और कमिश्नर तक से फरियाद की गयी थी। मगर तब इन पर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठायी गयी थी।
देखना है कि वर्तमान शासन किस तरह से बदले अंदाज में सामने आता है। लेकिन यह आशा बलवती हुई है कि विद्यालय हो या कालोनी दोनो के अच्छे दिन आने वाले हैं।