अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक

नई दिल्ली । ओवैसी ने कहा, “असम के एनआरसी की नजर से इस बिल को देखा जाना चाहिए। असम एनआरसी में 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए। बिल के हिसाब से बंगाल में जितने हिंदुओं के खिलाफ केस चल रहे हैं, सब बंद हो जाएंगे। मुसलमानों के खिलाफ केस चलेगा। क्या यह भेदभाव नहीं है? सरकार ने मुस्लिमों को बगैर मल्लाह की कश्ती में सवार कर दिया है, लेकिन हम दरिया पार करके दिखाएंगे। भारत का एक तिहाई हिस्सा चीन के कब्जे में है, लेकिन हमारी सरकार उनसे कुछ नहीं कहती। केंद्र सरकार चीन से इतना क्यों डरती है। चीन ने पूरा अक्साईचिन हथिया रखा है। क्या गारंटी है कि जो हिंदू पाकिस्तान से आएंगे, उनकी नीयत सही होगी। पाकिस्तान को भारत के मुस्लिमों और अपने यहां के हिंदुओं से मतलब नहीं है। उसे तो अपना काम करना है और वह यह हर हाल में करेगा। यह बिल देश में एक और बंटवारा करवाने जा रहा है। यह बिल हिटलर के कानून से भी बदतर है और इसलिए मैं यह बिल फाड़ रहा हूं।’

चेयर पर बैठी रामादेवी ने इस घटना को सदन की कार्यवाही से बाहर करने के निर्देश दिए।

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