प्रदेश में आईएएस अफसरों की तैनाती में जल्द ही बड़े फेरबदल की तैयारी है। जिलों में बेहतर काम न कर पाने वाले कई डीएम और मंडल स्तर फेल साबित हो रहे या फिर शिकायत मिलने वाले मंडलायुक्त हटाए जा सकते हैं। इसके साथ ही सचिवालय में तैनात कई प्रमुख सचिवों के दायित्वों में भी बदलाव हो सकता है।
राज्य सरकार का मानना है कि जनता के हितों का काम न करने वाले अफसरों को जिलों में रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसके साथ ही दागी और शिकायत वाले अफसरों पर भी गाज गिर सकती है। नियुक्ति विभाग ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारियों से प्रभार लेकर अकेला प्रभार देने की दिशा में भी काम चल रहा है, जिससे अफसर मन लगाकर काम कर सकें और सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को मिल सके।
सचिवालय स्तर पर अभी भी कई ऐसे अधिकारी हैं जिनके पास एक साथ कई-कई विभागों का प्रभार है। इसके चलते काम प्रभावित हो रहा है। खासकर बड़े विभागों को लेकर प्रभार हटाने पर विचार चल रहा है। इसके साथ ही हाल ही में सचिव से प्रमुख सचिव और विशेष सचिव से सचिव बनने वाले अधिकारियों को नई तैनाती दी जा सकती है। वजह, एक ही विभाग में दो-दो प्रमुख सचिव होने पर काम को लेकर असहज स्थिति पैदा हो सकती है। इसीलिए अपर मुख्य सचिव के साथ कुछ प्रमुख सचिव लगाए जा सकते हैं या फिर उन्हें अलग प्रभार दिए जाने पर विचार किया जा रहा है।