मनोज कुमार
नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल बनकर उभरा तो है लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों से 6 सीट दूर है और 2014 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले मिली सीटों से 7 कम है। लेकिन पिछली बार के मुकाबले 7 सीट कम मिलने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 36.5 प्रतिशत दर्ज किया गया है जो 2014 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले 3.31 प्रतिशत अधिक है, 2014 के विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी को 33.24 प्रतिशत वोट मिले थे। 2014 में भाजपा को कुल 4125285 वोट मिले थे जो 2019 में बढ़कर 4544533 तक पहुंच गए हैं।
हालांकि इस बार हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में भी बढ़ोतरी हुई है, 2014 में कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 20.61 था जो इस बार बढ़कर 28.13 प्रतिशत दर्ज किया गया। वोटों की बात करें तो 2014 में कांग्रेस पार्टी को 2557940 वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 3506421 हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी को इस बार 31 सीटों पर जीत मिली है जबकि 2014 में 15 सीटों पर जीत मिली थी।
हरियाणा में इस बार इंडियन नेशनल लोकदल से टूटकर जननायक जनता पार्टी का गठन हुआ और इंडियन नेशनल लोकदल का अधिकतर वोट जेजेपी में शिफ्ट हो गया जिस वजह से जेजेपी इस बार 10 सीटों पर जीत प्राप्त करने में कामयाब हुई। 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल का वोट शेयर 24.73 प्रतिशत था और उसे कुल 2996203 वोट मिले थे। इस बार इंडियन नेशनल लोकदल का वोट शेयर सिर्फ 2.45 प्रतिशत रहा और सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर बनी जेजेपी को इस बार 27.34 प्रतिशत वोट मिले।