मनमोहन सिंह भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुँचे
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी दूर रही। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी मुंबई में हुए शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। यह महज इत्तेफाक नहीं है, बल्कि कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। ताकि, कार्यक्रम का दायरा प्रदेश तक सीमित रहे।
उद्धव ठाकरे शपथ ग्रहण समारोह की भव्यता के साथ राजनीतिक संदेश भी देना चाहते थे। इसके लिए बुधवार शाम उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मुलाकात कर उन्हें न्योता भी दिया था पर दोनों नेता दूर रहे। कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर नई जिम्मेदारी के लिए मुबारकबाद दी।
कांग्रेस नहीं चाहती थी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह को विपक्ष की एकजुटता के तौर पर देखा जाए। क्योंकि, अभी तक कांग्रेस भी इस गठबंधन को लेकर बहुत सहज नहीं है। इसके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी के शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीर का हश्र भी बड़े नेताओं की दूरी की वजह बना। क्योंकि, 23 मई 2018 को शपथग्रहण समारोह की तस्वीर विपक्षी एकता के तौर पर पेश की गई, पर चुनाव से पहले ही विपक्षी एकता बिखर गई।
कर्नाटक में गठबंधन सरकार होने के बावजूद पार्टी अपने विधायक नहीं संभाल पाई और बाद में कुमार स्वामी की सरकार गिर गई और येदियुरप्पा की अगुआई में भाजपा ने सरकार का गठन किया। पार्टी के एक नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शपथग्रहण समारोह को बहुत ज्यादा अहमियत की जरुरत नहीं है। हम प्रदेश सरकार में तीसरे नंबर के हिस्सेदार है। यह सही है कि शिवसेना के साथ मिलकर हम और एनसीपी भाजपा को रोकने में सफल रहे हैं।
इसके साथ शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी के अंदर मतभेद भी शपथ ग्रहण समारोह को ज्यादा अहमियत नहीं देने की वजह बनी। पार्टी की कोशिश है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन को फिल्हाल प्रदेश तक सीमित रखा जाए। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात न होना भी एक वजह है। महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद उद्धव ठाकरे खुद पार्टी अध्यक्ष को आमंत्रित करेंगे ।