उत्तर प्रदेश के कुछ संवेदनशील जिलों में बाढ़ की स्थिति बढ़ने लगी है। मध्य प्रदेश में हुयी अत्यधिक भारी वर्षा के कारण यमुना गंगा, सहित घागरा नदियाँ उफान पर है और कई जगह चेतावनी व खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। इसी क्रम में बाढ़ से निपटने के लिए वाराणसी स्थित 11 एन.डी.आर.एफ. ने कमर कस ली है और उत्तर प्रदेश में 7 टीमों को संसाधनों व मोटर बोट के साथ अलग-अलग जिलों में तैनात कर दिया गया है। वर्त्तमान में यमुना में जलस्तर बढ़ने से वाराणसी में भी गंगा का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और चेतावनी स्तर को पार कर चुकी है।

वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वरुणा नदी के बहाव में रूकावट के कारण वरुणा के निचले क्षेत्रों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। रविवार की सुबह वाराणसी स्थित एन.डी.आर.एफ. कण्ट्रोल रूम को सूचना प्राप्त हुई कि वरुणा नदी के पुराने पुल के समीप कचहरी एस.बी.आई बैंक के समीप एक मकान में एक ही परिवार की दो महिलाएं व एक पुरुष घर में पानी भर जाने के कारण छत पर शरण लिए हुए हैं। कण्ट्रोल रूम एन.डी.आर.एफ. को सूचना मिलते ही एन.डी.आर.एफ. की 15 सदस्यीय एक को 2 मोटर बोट व अन्य राहत बचाव उपकरणों के साथ निरीक्षक अमोल कुमार के नेतृत्व में घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। घटना स्थल पर टीम ने बिना समय गंवाए तुरंत ही दोनों महिलाओं और एक वृद्ध पुरुष को मोटर बोट की सहायता से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। एन.डी.आर.एफ.  की कार्यकुशलता के लिए परिवार के सदस्यों व जिला प्रशासन ने एन.डी.आर.एफ. टीम की सराहना की।

 एन.डी.आर.एफ. की त्वरित कार्यवाही से तीनों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एन.डी.आर.एफ.की टीमें वाराणसी की स्थिति पर नज़र बनाये हुए है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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