मुख्य नगर संवाददाता

भारतीय सभ्यता और संस्कृति किसी विदेशी युगल को इतनी भा गयी कि वे भारतीय पद्धति के मुताबिक विवाह करने के लिए लंबे अरसे तक इंतजार करते रहे।

आज उनका इन्तजार समाप्त हो गया और दोनों भारतीय परंपरानुसार एक दूसरे के पवित्र बंधन में बंध गए। 

तीन घंटे तक चले इस पाणिग्रहण संस्कार के दौरान में हर रीति रिवाज का पालन किया गया जो एक भारतीय शादी का अनिवार्य अंग होता है। मसलन चाक पात, सिंदूर दान, सात फेरे और कन्यादान आदि जैसे संस्कारों के अनुसार यह विवाह सम्पन्न हुआ। 

यह विदेशी प्रेमी जोड़ी भारतीय विधान से शादी के बंधन में बंधकर काफी खुश थी। 

गौरतलब है कि इस विदेशी युगल को 14 महीने का एक बेटा भी है।

वाराणसी के शिवाला इलाके में स्थित सूर्योदय हवेली में रेयूनियाँ के लोद्रियाँ और फ्रांस की मारिन ने एक दूजे के हो गये।

लोद्रियाँ ने बताया कि 5 सालों से वे मारिन के साथ प्रेम संबंध में थे और लगभग 5 बार भारत आ चुके हैं। लेकिन काशी में घूमने आए तो यहां की सभ्यता संस्कृति और यहां का बनारसी अंदाज ऐसा भाया कि विवाह चर्च में नहीं अग्नि को साक्षी मानकर किया।

इस शादी को पंडित डॉ अनिल चतुर्वेदी ने सम्पन्न कराया जिसे ntpi संस्था के प्रबंधक पंकज ने आयोजित किया था।

आपको बता दें कि लोद्रियाँ रेयूनियाँ के रहने वाले हैं जहां काफी संख्या में भारतीय रहते हैं और वहां काली और शिव की पूजा भी की जाती है। ये सारी खूबियां देखने के बाद जब वो भारत आये तो यहां की संस्कृति ने उनका मन मोह लिया।

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