क्या ट्रेन का सफर महंगा होने जा रहा है? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के बाद इस तरह की अटकलें तेज हो गई थीं। लेकिन अब रेलवे ने राहत वाला जवाब दिया है। भारतीय रेलवे ने साफ कर दिया है कि यात्री किरायों में वृद्धि को लेकर किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
भारतीय रेलवे ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, ”मीडिया के कुछ हिस्सों में यात्री किरायों में वृद्धि की संभावना को लेकर रिपोर्ट दी गई है। यह खबर आधारहीन है और इनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। किरायों में इजाफे को लेकर किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं चल रहा है। मीडिया को सलाह दी जाती है कि इस तरह की कोई रिपोर्ट सर्कुलेट ना करें।”
गौरतलब है कि रेलवे ने पिछले साल 1 जनवरी को यात्री किरायों में वृद्धि की थी। तब चार पैसे प्रति किलोमीटर तक का इजाफा किया गया था। वातानुकूलित-1,2,3, चेयरकार, एक्जीक्यूटिव श्रेणी सहित स्लीपर और जनरल श्रेणी में बेसिक किराये में बढ़ोतरी की गई थी। मेल-एक्सप्रेस की स्लीपर श्रेणी में दो पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ा था।
कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान रेलवे को काफी घाटे का सामना करना पड़ा है। रेलवे को सबसे ज्यादा झटका यात्री राजस्व में लगा है। जहां उसकी तमाम ट्रेनों के लंबे समय तक बंद रहीं और अभी भी बहुत कम संख्या में ट्रेनें दौड़ रही हैं, उनमें भी अधिकतर में सीटें काफी खाली रह जाती हैं। इस बीच अटकलें थीं कि घाटे की भरपाई के लिए रेलवे किराये में इजाफा का रास्ता चुन सकता है।