विशेष संवाददाता
मुम्बई : महाराष्ट्र में सरकार बनते ही उद्धव ठाकरे को करारा झटका लगा है। मुंबई के धारावी में करीब 400 शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ग्रहण कर ली है। बताया जा रहा है कि ये सभी कार्यकर्ता शिवसेना के कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने से खासे नाराज हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि शिवसेना ने भ्रष्ट और विरोधी दलों से हाथ मिलाया है।
बीजेपी में शामिल होने वाले एक कार्यकर्ता रमेश नदेशन नाडार ने कहा कि शिवसेना ने भ्रष्ट और हिंदू विरोधी दलों के साथ हाथ मिला लिया है, इससे हम नाराज हैं। कार्यकर्ताओं ने शिवसेना पर सिर्फ सरकार बनाने के लिए महाविकास आघाड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया।
नाडार ने यह भी बताया कि कई और कार्यकर्ता भी हैं जो शिवसेना से नाराज हैं। उनका कहना है कि पिछले सात साल से वे एनसीपी और कांग्रेस के खिलाफ लड़ रहे थे। चुनाव के दौरान उन्होंने लोगों के घर-घर जाकर वोट मांगे थे लेकिन अब वे उनसे कैसे आंख मिला पाएंगे जिनसे उन्होंने ईमानदार सरकार बनाने के लिए वोट मांगे थे।
बता दें कि 24 अक्टूबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली है लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने वाली शिवसेना का सरकार गठन को लेकर उससे मतभेद हो गया।
शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद और 50-50 फॉर्मूले की मांग रखी थी जिससे बीजेपी ने इनकार कर दिया। विवाद बढ़ने पर शिवसेना ने बीजेपी के साथ तीस साल पुरानी अपनी दोस्ती तोड़ ली थी। इसके बाद उसने एनसीपी और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाडी (गठबंधन) कर राज्य में नई सरकार का गठन किया।