वाराणसी। पीएम मोदी के संसदीय में एक सम्भ्रांत परिवार से आने वाले युवा अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने गुरुवार की सुबह कचहरी परिसर में ही 9 मंजिला निर्माणाधीन भवन की छत से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटनास्थल पर थोड़ी ही देर में दर्जनों वकील जमा हो गए। मौके पर पहुंचे एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने भवन की छत, घटनास्थल का जायजा लेने के साथ ही सफाई कर रहे कर्मचारियों से पूछताछ की।

भोजूबीर निवासी प्रशांत कुमार सिंह वकालत की शिक्षा ग्रहण करने के बाद पिछले एक साल से वकील के पेशे से जुड़े थे। गुरुवार सुबह 8 बजे सेंट जोसेफ में पढ़ने वाले अपने इकलौते बेटे को यूपी कॉलेज में छोड़कर अपनी बुलेट मोटर साइकिल से कचहरी के पास पहुंचे। एसएसपी के अनुसार बाहर बाइक खड़ी कर कचहरी परिसर के गेट का ताला खुलवाया। और पैदल ही 12 कक्षीय भवन के बगल में निर्माणाधीन 9 मंजिला भवन की छत पर सीढ़ियों के रास्ते छत पर गए। करीब चार फीट ऊंची बाउंड्री के पास सलीके से अपना चप्पल निकाला। जैकेट निकाल कर किनारे रखा। इसके बाद ऊपर से छलांग लगा दी। जब वकील नीचे गिरे तो पास ही एक सफाई कर्मचारी झाड़ू लगा रहा था। वकील को अचानक नीचे गिरते देखना अवाक रह गया। सिर में गंभीर चोट लगने से प्रशांत की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सफाईकर्मी ने आसपास के लोगों को सूचना दी। इसके बाद अधिकारियों को जानकारी दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रशांत के आत्महत्या करने का कारण तत्काल ज्ञात नहीं हो पाया है, कोई सुसाइड नोट भी तत्काल नहीं बरामद हुआ। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। सिकरौल स्थित उनके मकान पर प्रशांत की पत्नी और उनका इकलौता बेटा है। बड़े भाई ऋषि सिंह अमेरिका में इंजीनियर हैं और परिवार सहित वहीं रहते हैं। पिता सीबी सिंह आरपीएफ में सेवानिवृत्त कमांडेंट बताए जाते हैं। मां बाल विकास परियोजना विभाग से सेवानिवृत्त बताई जाती हैं। माता और पिता दोनों ही धरसौना स्थित आवास पर रहते हैं। एक बहन किरण सिंह भाभा इंस्टिट्यूट में वैज्ञानिक हैं। एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि अभी घटना का कारण पता नहीं चल सका है। घरवालों से बातचीत की जा रही है।

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