उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में भी समाजवादी पार्टी के योद्धा चारों खाने चित हो गए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेताओं को भी बुरी तरह से पराजय का सामना करना पड़ा। वर्ष 2016 के चुनाव में इन 36 सीटों में 31 सीटें जीतने वाली सपा इस बार ज्यादातर सीटों में लड़ाई से ही बाहर रही।

सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी लखनऊ-उन्नाव सीट से सुनील सिंह साजन करीब 3088 मतों के बड़े अंतर से चुनाव हार गए। साजन को महज 400 वोट मिले। अखिलेश की किचन कैबिनेट का हिस्सा माने जाने वाले बस्ती-सिद्धार्थनगर सीट से संतोष यादव उर्फ सनी को महज 887 वोट मिले जबकि भाजपा के सुभाष यदुवंश को यहां 5176 वोट मिले हैं। सनी 4289 मतों के बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं।

बाराबंकी सीट से राजेश कुमार यादव को 527 वोट मिले हैं। वह भाजपा के अंगद कुमार सिंह से 1745 मतों के अंतर से चुनाव हार गए। बलिया सीट से अखिलेश ने समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द गिरि को मैदान में उतारा था उन्हें महज 278 वोट मिले। वहां भाजपा के रविशंकर सिंह उर्फ पप्पू भैया से 1981 मतों के अंतर से हार गए।

देवरिया सीट से सपा के डा. कफील खान को 1031 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के डा. रतन पाल सिंह को 4255 मत मिले हैं। यानी डा. कफील यहां 3224 वोटों के अंतर से हार गए। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों में सर्वाधिक 1522 मत इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ने वाले वासुदेव यादव को मिले हैं। इसके बावजूद वह भाजपा के केपी श्रीवास्तव से 1658 मतों के अंतर से हार गए।

झांसी-जालौन-ललितपुर सीट से सपा प्रत्याशी को 1513 मत मिले हैं। वह भाजपा के रमा निरंजन से 579 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं। सपा प्रत्याशियों में सबसे कम वोट सीतापुर में अरुणेश कुमार को मात्र 61 वोट मिले हैं। यहां भाजपा के प्रत्याशी पवन कुमार सिंह 3753 मत मिले हैं। अरुणेश 3692 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए।