बेंगलुरू। कर्नाटक के कई हिस्सों में ‘हिजाब’ विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। यहां के कई परिसरों में पथराव और बल प्रयोग की घटनाओं की सूचना पुलिस द्वारा दी गई है। इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत उडुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स की घटना के बाद से हुई। यहां आधा दर्जन छात्राओं ने हिजाब पहनकर कक्षाओं में आना शुरू किया था। प्रदर्शन करने वाली छात्राओं की सहेली ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया कि अचानक ही मुस्लिम छात्राओं का व्‍यवहार बदला और वे हिजाब पहनकर आने लगीं। विरोध से पहले मुस्लिम छात्राओं ने कक्षाओं के अंदर हिजाब नहीं पहना थ।

उडुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स की छात्रा यशस्विनी कहती हैं कि पहले ऐसा हिजाब नहीं था। कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्‍यों ने इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की और 30 दिसंबर के आसपास हिजाब पहनना शुरू हुआ। इसे मिड टर्म की परीक्षा खत्‍म होने के बाद शुरु किया गया। हमने अपनी सहेलियों को मनाया और कहा कि अब केवल दो महीने शेष हैं तो हिजाब को लेकर हंगामा क्‍यों ? जब  पहले नहीं पहना तो अब इसे पहनने की जिद क्‍यों, लेकिन मुस्लिम छात्राएं कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुईं। उनकी जिद थी कि उन्‍हें हिजाब पहनकर आने और कक्षाओं में भी इसकी अनुमति दी जाए।

अपनी खास सहेलियों के बारे में छात्रा यशस्विनी ने बताया कि हम करीबी दोस्‍त थे, लेकिन मुस्लिम छात्राओं ने हमें नजरअंदाज कर दिया। वे कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्‍यों के सामने बिलकुल बदल जाती हैं, उनका व्‍यवहार उग्र हो जाता है और वे हमसे दूर हो गईं है। कॉलेज प्रिंसिपल ने सत्र की शुरुआत में ही सूचित किया था कि हिजाब की अनुमति नहीं है, तब इन्‍हीं मुस्लिम छात्राओं ने कुछ नहीं कहा था, लेकिन अब वे किसी की भी नहीं सुनती।

छात्रा ने बताया कि प्रदर्शनकारी मुस्लिम छात्राओं के माता-पिता तो कुछ ही बार यहां आएं, लेकिन अचानक से चचेरे भाई और कई नए रिश्‍तेदार सामने आ गए हैं। वहीं, किसी भी शिक्षक ने कभी भी किसी मुस्लिम छात्रा के साथ मिस बिहेव नहीं किया है। इस संबंध में जो भी बयानबाजी की है, वह गलत है और झूठे बयान दिए गए हैं। औ

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