कोरोना वायरस से अमेरिका (america ) सबसे ज्यादा खौफजदा है। उसके वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्सीन ( vaccine)भी बनाने में लगे हैं । क्योंकि कहा जा रहा है कि बिना इसके इस रोग पर कारगर रोक नहीं लग सकती। अगर वैक्सीन बनाने में सफलता नहीं मिली तो 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखना पड़ सकता है। अगर यह भयावह सच्चाई कठोर हकीकत है तो क्या 2022 तक घर में रहने के आदेश और स्कूलों का बंद होना जारी रखना पड़ेगा। हॉवर्ड टीएच चान स्कूल के रिसर्चर्स ( researchers) का कहना है कि अगले कुछ समय के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ( distancing)आम जिंदगी का हिस्सा हो सकती है।

शोधकर्ताओं का यह दावा अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय के उस दावे से उलट है, जिसमें कहा जा रहा है कि इस साल गर्मियों तक महामारी पर काबू पा लिया जाएगा। उनका यह शोध जर्नल साइंस में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने वर्तमान हालात को देखते हुए यह अनुमान लगाया है कि जब तक देश में गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए सुविधाएं नहीं बढ़ जाती हैं या वैक्सीन नहीं बन जाती है, तब तक कुछ अंतराल पर वर्ष 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग की जरुरत होगी।’

वायरस के 2024 तक फिर से उभरने की आशंका

सीएनएन ( cnn) की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इस बीमारी का खात्मा कर भी लिया जाता है तो भी इस पर लगातार नजर रखने की जरुरत होगी, क्योंकि यह वायरस चार साल बाद फिर से उभर सकता है। हॉवर्ड की टीम के अनुमान से यह भी संकेत मिलता है कि अगर प्रतिबंधों को तेजी से हटाया गया तो यह वायरस दोबारा बहुत तेजी से हमला कर सकता है। इस शोध के लेखक प्रोफेसर डॉक्टर मर्क लिपस्टिक ने कहा, थोड़े-थोड़े अंतराल पर सोशल डिस्टेंसिंग का तरीका, जिसे हमने चुना है, उसे लागू करना पड़ सकता है। यह निश्चित रूप से बहुत लंबा समय है।’ उन्होंने कहा यह पता नहीं है कि इस बीमारी से ठीक होने के बाद क्या लोगों के अंदर इससे लड़ने की क्षमता पैदा हो जाती है।
अमेरिका मे इस समय मरने वालों की संख्या 26 हजार पार कर गई है। अकेले न्यूयार्क में मरने वालों की तादाद 11 हजार के करीब पहुंच गई है।

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