विशेष संवाददाता

क्या दुनिया में एक समुदाय विशेष को लेकर ध्रुवीकरण शुरू होने जे रहा है ? जिसमें एक ओर होंगे पाकिस्तान और नया खलीफा बनने की राह पर चल रहे तुर्की के अलावा कट्टरपंथी मुस्लिम देश। दूसरी ओर होगी शेष दुनिया।

दरअसल फ्रांस में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून को लेकर हो रही गला रेतने वाली घटनाऐ और गैर मुस्लिमों पर हो रहे हमलों से लोकतांत्रिक देश अब इस ओर सोचने लगे हैं। बात फ्रांस तक ही सीमित नहीं रह गयी है। शरणार्थी के तौर पर प्रवेश पाने वाले कट्टरपंथी मुस्लिम अब यूरोप को भी अपनी चपेट में ले रहें हैं। आस्ट्रिया मे कल हुए हमले मे सात लोग हलाक किए जा चुके हैं।
यही नहीं भारत के अंशदान और बलिदान से जन्में बांग्लादेश के कोमिला में दो हिन्दू मंदिरों को जला कर खाक कर दिया गया। हिन्दुओं के घर तबाह कर दिए गए।

कराची

इसके अलावा पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक बच्चे पर पैगंबर की ईशनिंदा का झूठा आरोप लगा कर एक प्राचीन मंदिर में जमकर तोडफ़ोड़ की। ल्यारी इलाके में हुई इस घटना में कट्टरपंथियों की भीड़ ने पहले हिंदुओं पर ईशनिंदा का आरोप लगाया और फिर बाद में कुछ लोगों ने प्राचीन मंदिर में तोडफ़ोड़ की। इस दौरान मंदिर में रखी भगवान गणेश और शिवजी की मूर्तियों को भी कट्टरपंथियों ने जमीन पर पटक कर खंडित कर दिया।

क्या कार्टून मात्र से की जा रही हत्याओं के हिमायती अंधे हैं कि सनातन की मान्यतानुसार प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात मंदिर मे स्थापित की गई देवी देवताओं को खंडित करना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता ? कायरता की हद तक सहिष्णु सनातन धर्मी कानून और संविधान के नाम पर चुप्पी साधे रहते हैं। आखिर कब पंथ निरपेक्षता में विश्वास रखने वालों की नींद टूटेगी, कब वे इस्लामिक कट्टरपंथियों से सवाल पूछूंगे कि अभिव्यक्ति की आजादी का लाभ और प्रतिकार के नाम पर पर हिंसा का एकतरफा तांडव आखिर कब तक चलेगा ?

बांग्लादेश

कहाँ छिप गये शायर मुनव्वर राना जो दो दिनों से लगातार बयान दे रहे थे कि कोई यदि उनके माता पिता या देवी देवताओं का अपमान करेगा तो वह उसकी हत्या कर देंगे। बांग्लादेश और पाकिस्तान में जिन इस्लामिक कट्टरपंथियों ने देवी देवताओं का खुला अपमान किया, उनकी हत्या तो दूर की बात उनके खिलाफ एक शब्द निंदा तक का भी अभी तक उनकी ओर से नहीं बोला गया। किसी ने ठीक ही कहा उनके बारे मे कि वह शायर के मुखौटे में आतंकी हैं।

शायर राना के अलावा फ्रांस की घटना को लेकर भोपाल, मुम्बई, बरेली और अलीगढ़ मे विरोध प्रदर्शन करने और रोहिग्या मुस्लिमों की हिमायत तक में भारत में दंगा करने वालों की भी गैर मुस्लिम उपासना गृहों के अपमान को लेकर कभी जुबान नहीं खुलेगी।

आस्ट्रिया

जहाँ तक कराची की घटना का सवाल है तो कट्टरपंथियों ने बिना किसी ठोस सबूत के हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का इल्जाम मढ़ दिया था। स्थानीय हिंदू समुदाय ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर कराची के भीमपुरा इलाके में स्थित था। यही नहीं मंदिर के अंदर लगी भगवान की तस्वीरों को भी फाड़ दिया गया। पिछले 20 दिनों में हिंदू मंदिरों में तोडफ़ोड़ की यह तीसरी घटना है।

पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हो रहे हमले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कराची की घटना से पहले सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित नागारपारकर में धार्मिक अतिवादियों ने दुर्गा माता की मूर्ति को खंडित कर दिया था। इन हमलावरों ने मंदिर को भी जमकर नुकसान पहुंचाया था। मंदिर के पुजारी ने बताया कि आधी रात को कुछ अज्ञात लोग मंदिर परिसर में घुसे। इसके बाद उन्होंने दरवाजे को बंद कर मूर्ति को तोड़ दिया। उन्होंने जाते-जाते मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया। अभी तक हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है।

हिंदुओं ने की कार्रवाई की मांग

मंदिर के पास रहने वाले हिंदू समुदाय ने इस घटना पर गुस्से का इजहार करते हुए जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हिंदू समुदाय ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं और सरकार को दोषियों को पकडऩा चाहिए। दूसरे अन्य मामलों की तरह इस मामले की भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

20 दिन पहले एक और मंदिर में की गई थी तोडफ़ोड़

रिपोर्ट के अनुसार, 20 दिन पहले भी सिंध प्रांत के बादिन जिले में एक मंदिर में तोडफ़ोड़ की गई थी। पाकिस्तानी मीडिया एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, इस मामले में शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने आरोप लगाया था कि मंदिर में तोडफ़ोड़ मुहम्मद इस्माइल ने की थी। जिसके बाद पाकिस्तान पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी थी।

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