पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के लिए आज का दिन निर्णायक साबित हो सकता है. रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नैशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. 2018 में पीएम की कुर्सी पर बैठे इमरान के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है. उनकी सरकार का साथ दे रहे कई सांसदों के अलावा खुद उनकी ही पार्टी के कई नेताओं ने उनके खिलाफ मतदान के संकेत दिए हैं. अपनी क्रिकेट लाइफ में कई तरह की गुगलियां झेल चुके इमरान इस बार सियासी पिच पर अपनी बैटिंग बचाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. क्रिकेट के माहिर खिलाड़ी रहे इमरान ने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए आखिरी बॉल तक डटे रहने के संकेत दिए हैं. देखना होगा, पाकिस्तान की सियासत आज क्या मोड़ लेती है.

पीएम इमरान खान को सरकार में बने रहने के लिए 342 सदस्यीय नैशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत होगी. विपक्ष पहले ही दावा कर चुका है कि उसके पास 175 सांसदों का समर्थन है. सरकार में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने उनसे किनारा कर लिया है. करीब दो दर्जन सांसद पहले ही इमरान के खिलाफ वोट करने के संकेत दे चुके हैं. इमरान की अपनी पार्टी पीटीआई के भी कई सांसदों ने भी बगावती तेवर दिखाए हैं. इस तरह इमरान अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही एक तरह से बहुमत खो चुके हैं.

इमरान खान ने अपने नीचे से सियासी जमीन सरकते देख शनिवार को अपने समर्थकों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया था. उन्होंने अपनी सरकार के लिए संकट पैदा करने के पीछे विदेशी हाथ होने का दावा करते हुए युवाओं से दो दिन शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की है. इमरान खान अमेरिका पर पाकिस्तान के अंदरूनी मसलों में दखल देने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि अमेरिका उन्हें कुर्सी से हटाने के लिए विपक्ष के साथ मिलकर साजिश रच रहा है क्योंकि वह रूस और चीन के खिलाफ उसके अभियान में साथ नहीं दे रहे हैं.

आर्थिक मोर्च पर पाकिस्तान की हालत खस्ता हो चुकी है. विपक्षी दल विदेश नीति में भी इमरान खान के फेल होने का दावा कर रहे हैं. आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है. इमरान सरकार के खिलाफ पाकिस्तान की अवाम में फैली नाराजगी का फायदा शहबाज शरीफ की पार्टी PML-N और बिलावल भुट्टो की पीपीपी उठाने की कोशिश में हैं. ऐसी अटकलें हैं कि इमरान के पीएम पद से हटने के बाद शहबाज शरीफ को अगला प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. शहबाज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. पूर्व पीएम नवाज शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए थे. दो साल बाद उन्हें मेडिकल इलाज के नाम पर ब्रिटेन भेज दिया गया था. शहबाज शरीफ भी जेल जा चुके हैं.

पाकिस्तान के मौजूदा हालात देखते हुए ये बात एक बार फिर सच साबित होती दिख रही है कि वहां पर कोई भी सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई है. वहां की सियासत पर उसी का सिक्का चलता है, जिस पर पाकिस्तानी सेना का हाथ होता है. और ऐसा लग रहा कि पीएम इमरान खान के सिर से सेना का वरदहस्त हट चुका है. ऐसे में आज ये देखना दिलचस्प होगा कि इमरान खान क्या अपनी कुर्सी बचा पाने में कामयाब होंगे या फिर इस्तीफा दे देंगे. दुनिया की नजरें इस पर भी है कि अगर इमरान हटते हैं तो पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा.