दिल्ली। दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है। छात्रों के दो गुटों में झड़प हुई है।

जेएनयू छात्र संघ का दावा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा को अंजाम दिया है। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आई है। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर अपने कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा, ‘जेएनयू में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से जुड़े करीब 400 से 500 लोगों ने हमला किया है। इस हमले में एबीवीपी से जुड़े करीब 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं।

दुर्गेश ने आरोप लगाया कि जेएनयू के अलग-अलग हॉस्टल में एबीवीपी से जुड़े छात्रों पर हमला किया गया है और हॉस्टलों की खिड़कियों दरवाजों को लेफ्ट के छात्र संगठनों ने बुरी तरह से तोड़ दिया है। एबीवीपी ने दावा किया कि इस हमले में उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ बुरी तरह से घायल हो गए हैं। मारपीट के बाद उनका हाथ टूट गया है। दुर्गेश ने कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए और डंडे बरसाए गए, जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोटें आई हैं।

हालांकि जेएनयूएसयू ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में एबीवीपी ने प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की। एबीवीपी ने पथराव और तोड़फोड़ भी की. हालांकि तोड़फोड़ करने नकाबपोश थे।

हमले में बुरी तरह घायल हुईं जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, ‘मुझे मास्क पहने गुंडों ने बेरहमी से मारा है। मेरा खून बह रहा है. मुझे बेरहमी से पीटा गया है।’

जेएनयू में हिंसा को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में हिंसा की घटना से हैरान हूं. छात्रों पर बुरी तरह हमला किया गया है। पुलिस को फौरन हिंसा को रोकना चाहिए और शांति बहाल करनीी चाहिए। केजरीवाल ने ट्वीट करके सवाल उठाया कि अगर हमारे छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में सुरक्षित नहीं होंगे, तो देश कैसे विकास करेगा?

पहले भी घुस चुके हैं नकाबपोश

वहीं हाल ही में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के सूचना प्रणाली केंद्र में छात्रों के एक समूह ने हमला बोल दिया था। जिसके चलते रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई थी। उस मामले को लेकर JNU प्रशासन ने कहा कि शुक्रवार को अपराह्न एक बजे छात्रों का एक समूह जो अपना चेहरा ढके हुए था, वो सूचना प्रणाली के केंद्र में जबरन घुसे। उन्होंने बिजली की आपूर्तिबंद कर दी। सभी तकनीकी कर्मचारियों को जबरन बाहर निकाल दिया और सर्वर को बंद कर दिया।

प्रशासन ने बताया कि इसके चलते रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई। विश्वविद्यालय उन आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा, जिन्होंने हजारों छात्रों को भारी कष्ट पहुंचाया है।

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