कहाँ पश्चिम बंगाल में पूर्वी मिदनापुर ज़िले का भगबानपुर गांव ओर कहाँ चीन ? भगवानपुर चीन के वुहान शहर से ठीक 2,799 किलोमीटर दूर है। वुहान वही जगह है जहां से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था।

वुहान से इतनी दूर होने के बावजूद भगबानपुर कोरोना वायरस से कैस बुरी तरह प्रभावित हो गया ?

इस इलाक़े में रहने वाली पुतुल बेरा और रीता मेती जैसे सैकड़ों लोग कोरोना वायरस के कारण संकट में हैं।

ये लोग इंसानी बालों से विग बनाने का काम करते हैं। ये महीने में क़रीब 50 टन का उत्पादन करते थे। जिसे चीन निर्यात किया जाता था लेकिन पिछले दो सप्ताह से यह सिलसिला थम गया है।

इस कारोबार से घर चलाने वाली रीता मेती बताती हैं, “हमें नहीं पता था कि किसी वायरस का अटैक हो जाएगा। हमने हज़ारों रुपए के बाल ख़रीद लिए थे।”

रीता की पड़ोसन पुतुल बेरा और उनके पति 40 हज़ार रुपये की कीमत के इंसानी बालों के साथ फंस गए हैं। उन्हें बड़े व्यापारियों और निर्यातकों से अपना हज़ारों रुपये का भुगतान मिलने का इंतज़ार है।

बालों के कारोबार में लगीं पुतुल बेरा और उनके पति
बताते हैं, “वो लोग चीन में सामान नहीं बेच पा रहे हैं। इसलिए हम भी बकाया पैसे नहीं चुका पा रहे हैं।”

इस इलाक़े के सैकड़ों एजेंटों ने इंसानी बाल इकट्ठे किए हैं। बालों में कंघी करते समय जो बाल कंघी में फंसे रह जाते हैं। उन्हें छोटे-छोटे गुच्छों में इन एजेंटों को बेच दिया जाता है।

पंजाब और कश्मीर के पुरुषों और महिलाओं के बाल लंबाई की वजह से सबसे अच्छे माने जाते हैं और कीमती होते हैं।

भगबानपुर, चंडीपुर और इसके आसपास के इलाक़ों में ट्रकों, ट्रेनों और यहां तक कि एयर कार्गो से भी बोरों में भरकर इंसानी बाल आते हैं।

बालों के इन गुच्छों को सुलझाकर धोया जाता है. फिर सुखाकर छह से 26 इंच तक के अलग-अलग आकार में काटा जाता है और फिर इनके बंडल बनाकर चीन निर्यात कर दिया जाता है।

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