विकास यादव
वाराणसी। आए दिन हो रही लूट की घटनाओं पर रोक लगाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। इस तरह की शिकायतों के निस्तारण के बोझ तले दबी पुलिस की परेशानी जिले में हाल के दिनों में चलन में आए लूट के नए ट्रेंड ने बढ़ा दी है। नई तरह की लूट में तहरीर तो लूट की होती है, लेकिन हकीकत में लूट होती नहीं है। शिकायतकर्ता कभी कर्ज चुकाने से बचने तो कभी रुपये ऐंठने की चाह में लूट की झूठी तहरीर दर्ज करा देते हैं। हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे में पुलिस के लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है कि लूट की कौन सी घटना सही है और कौन सी फर्जी। लूट की कुछ ऐसी ही फर्जी घटनाएं की बानगी कोतवाली क्षेत्र में देखने को मिली। जहां एक सर्राफा व्यापारी ने कर्ज की रकम चुकाने से बचने के लिए मनगढ़ंत लूट की कहानी रच डाली।
लूट की सूचना पर हलकान रही पुलिस
वाराणसी के जंसा निवासी सर्राफा व्यवसायी रविंद्र दीक्षित ने बुधवार की सुबह कोतवाली के लोहटिया क्षेत्र में सरेराह तमंचा सटाकर 1.20 लाख रुपये की लूट की कोतवाली पुलिस से शिकायत की। शहर के व्यस्त रहने वाले इलाके से दिनदहाड़े लूट की घटना ने पूरे शहर में सनसनी पैदा कर दी। पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह अपने कोतवाली थाना प्रभारी बृजेश सिंह, रामनगर थाना प्रभारी वेद प्रकाश राय व आदमपुर थाना प्रभारी सिदार्थ मिश्रा के साथ मौके पर दौड़ पड़े। घटना स्थल का मुआयना किया। तहरीर पर हरकत में आई पुलिस को छानबीन में मामला संदिग्ध लगा।
सीसीटीवी की मदद से झूठी लूट का पर्दाफाश
कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी व गायघाट चौकी प्रभारी अमित शुक्ला ने लूट की शिकायत करने वाले शख्स को लेकर मामले की तफ्तीश करने सिगरा कमांड सेंटर पहुँचे। वहाँ से सीसीटीवी की फुटेज देखने पर पता चला शख्स चौकाघाट से पीली ऑटो में बैठता है व मैदागिन काली ऑटो से उतरकर आराम से चला जाता है। यहां तक कि ऑटो से उतरने के बाद मैदागिन पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों तक से घटना की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराता है। फर्जी लूट की घटना की सच्चाई सामने आते ही शख्स ने बताया कि कर्ज चुकाने से बचने और मानसिक रूप से परेशान होकर उसने लूट की कहानी रची थी। फिलहाल पुलिस ने शिकायतकर्ता के आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक हालत को देखते हुए मानवीय रवैया अपनाया। पुलिस ने इस मामले में सख्त ताकीद के साथ उसे छोड़ दिया।