इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। टीएलपी के प्रदर्शनकारियों के आक्रामक रवैये को देखकर पाकिस्तान सरकार हैरत में है। तहरीक-ए-लब्बैक के प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में घातक हथियारों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं जिससे पाकिस्‍तानी एजेंसियों के होश उड़े हुए हैं। यही नहीं सरकार इस बात को लेकर काफी परेशान है कि वह टीएलपी के कार्यकर्ताओं के इस्‍लामाबाद मार्च पर किसी तरह की रोक नहीं लगा पा रही है।

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में एक रिपोर्ट पर बड़ी चिंता जताई गई जिसमें कहा गया था कि प्रतिबंधित टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने कमोके हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर सब-मशीन गन से फायरिंग की थी। बैठक में ऐसे फुटेज रखे गए जिसमें टीएलपी के हथियारबंद कार्यकर्ता सब-मशीन गन का इस्तेमाल कर रहे थे।

फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि टीएलपी के प्रदर्शनकारी सुरक्षित स्थान के लिए भाग रहे पुलिसकर्मियों पर सीधे फायरिंग कर रहे थे। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के दौरान टीएलपी के हथियारबंद कार्यकर्ताओं ने 80 राउंड फायरिंग की। इसमें कुछ सबूत भी घटनास्थल से बरामद किए जा चुके हैं। इन साक्ष्‍यों को फोरेंसिक परीक्षणों के लिए भेजा जा चुका है।

मालूम हो कि इस हिंसा में फायरिंग की घटनाएं भी उसी जगह दर्ज की गईं जहां दो पुलिसकर्मियों की गोलियां लगने से मौत हो गई थी जबकि 16 अन्य घायल हो गए थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन घटनाओं ने पुलिस अधिकारियों हैरानी में डाल दिया है। प्रशासन हैरान है कि टीएलपी को घातक हथियार आखिर कहां से मिल रहे हैं। यही नहीं उन्‍हें हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग कहां से मिल रही है।

बैठक में शामिल अधिकारियों का मानना है कि टीएलपी एक आतंकवादी समूह में बदल चुका है और सरकार को इसके प्रति अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए। मालूम हो कि फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित होने के बाद टीएलपी के समर्थकों में भारी आक्रोश है। टीएलपी के कार्यकर्ता फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने और फ्रांस के सामानों के आयात पर पाबंदी लगाने की मांग कर रहे हैं।

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