वाशिंगटन (एजेंसी) । रूस ने भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी शुरू कर दी है। इसके बाद से भारत पर अमेरिका के प्रतिबंधों का खतरा भी बढ़ गया है। हालांकि कई अमेरिकी सांसद इसके पक्ष में नहीं हैं। इस क्रम में भारत पर काटसा (काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंशंस एक्ट) के तहत प्रतिबंध लगाने के लिए प्रतिबंध नीति के समन्वयक के लिए नामित जेम्स ओ ब्रायन ने बुधवार को कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें यह देखना होगा कि संतुलन कैसे बनेगा…।  इस संबंध में और अधिक कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह कुछ ऐसा है जो मैं आपके और अन्य इच्छुक सदस्यों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’ 

जेम्स ओ ब्रायन ने कहा, ‘बाइडन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वह भारत को रूसी उपकरणों के अधिग्रहण के साथ आगे बढ़ने से रोकना चाहता है, लेकिन भारत के साथ एक महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक विचार पर गौर करना जरूरी है, विशेष रूप से चीन के साथ संबंधों को लेकर।’ 

जेम्स ओब्रायन ने कहा कि दो स्थितियों की तुलना करना मुश्किल है- एक नाटो सहयोगी (तुर्की) जिसके साथ विरासत में मिला रिश्ता टूट रहा है और दूसरा भारत, बढ़ते महत्व का भागीदार है, लेकिन रूस के साथ उसके विरासत संबंध हैं।

बता दें कि कई मौकों पर अमेरिकी प्रशासन ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम न खरीदने की अपील भी की थी। अमेरिका के इन धमकियों के जवाब में भारत ने हर बार कहा था कि वह रूस के साथ इस रक्षा सौदे को पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध है। CAATSA (काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन्स एक्ट) को अमेरिका ने अपने प्रतिद्वंद्वियों के विरोध के लिए दंडात्मक अधिनियम के रूप में बनाया है। इस कानून को पहली बार 2 अगस्त 2017 को अधिनियमित किया गया था। जिसके बाद इसे जनवरी 2018 में लागू किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here