नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिकी उपविदेश मंत्री और शीर्ष राजनयिक वेंडी शरमन ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा कि ‘आर्थिक जबरदस्ती’ या दादागीरी भविष्य की दुनिया का रास्ता नहीं हो सकती। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला के साथ वेंडी शरमन की कोरोना और द्विपक्षीय मुद्दों समेत विभिन्न विषयों पर बुधवार को बातचीत हुई।
शरमन के चीन पर इस संदेश को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बीते समय में ड्रैगन श्रीलंका और मालदीव में अपना प्रभाव तेजी के साथ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन से इन देशों की संप्रभुता को खतरा है इस बीच बीजिंग की रणनीति में पाकिस्तान पूरी भागीदारी निभा रहा है।
शरमन ने कहा- हम देशों ये नहीं कहना चाहते कि वो चीन और अमेरिका में से किसी एक को चुनें। लेकिन हम कहना चाहते हैं कि ‘आर्थिक जबरदस्ती’ या दादागीरी से समृद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था, शांति और सुरक्षा नहीं कायम की जा सकती।
फंडिंग का इस्तेमाल का प्रभाव बढ़ा रहा है चीन
दरअसल चीन कई देशों में फंडिंग को लेकर अमेरिकी निशाने पर बना हुआ है। पाकिस्तान समेत श्रीलंका और म्यांमार में भी चीनी फंडिंग को लेकर रिपोर्ट्स आती रही हैं। चीन इसका इस्तेमाल देशों में अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए कर रहा है। हाल में जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आया तो चीन उन पहले देशों में रहा जिसने कट्टरपंथी संगठन से नजदीकी जाहिर की। जाहिर है कि तालिबान का समर्थन कर चीन अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना को पूरा करना चाहता है।
शरमन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा-पीएम मोदी के हालिया दौरे और क्वाड सम्मेलन ने प्रदर्शित किया है कि भारत-अमेरिका कितने बेहतर साझीदार हैं। अगर दोनों देश साथ मिलकर काम करें तो कोई चुनौती नहीं जिससे निपटा न जा सके।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने श्रृंगला और शरमन की मुलाकात के बारे में ट्वीट किया है। दोनों पक्षों के बीच मुलाकात में द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई, विशेष तौर पर अफगानिस्तान को लेकर। दोनों ही पक्षों ने कोरोना के खिलाफ साथ मिलकर काम करने की बातें दोहराई हैं।
वैक्सीन उत्पादक के रूप में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण
शरमन ने दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक के रूप में कोरोना के खिलाफ भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया है। बता दें कि भारत अब दोबारा कोरोना वैक्सीन निर्यात शुरू करने की तैयारी कर रहा है। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस संबंध में बयान दिया था।