अंकुर शर्मा

नई दिल्ली। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा चल रही है, इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोमवार को इसमें शरीक हुए, देश के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस अवसर पर न्यूयॉर्क में मौजूद हैं, जिन्होंने इस बारे में एक बड़ा बयान दिया है।

‘किस हद तक काम करती है नरम कूटनीति’

केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान यूएन क्लाइमेट समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी से पता चलता है कि नरम कूटनीति किस हद तक काम करती है।

उन्होंने आगे कहा कि आज की सनसनी यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जलवायु पर मोदी जी का भाषण सुनने के लिए आए। HowdyModi में दोनों देशों के बीच केमेस्ट्री और दोस्ती विकसित हुई और दुनिया के सामने आई, जो कुछ भी हुआ है वो सबके सामने है और इसने एक मिसाल पेश की है।

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में जलवायु परिवर्तन पर यूएनएसजी के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बात करने का समय समाप्त हो गया है, अब दुनिया को इस पर एक्शम लेने की जरूरत है लेकिन इस दौरान एक अप्रत्याशित घटना हुई, जिससे हर कोई हैरान हो गया।

यूएनएसजी

अमेरिका के राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रंप यूएनएसजी के कार्यक्रम में अप्रत्याशित रूप से पहुंचे। वो वहां करीब 15 मिनट यहां रूके और उन्होंने वहां प्रधानमंत्री नरेंद्न मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के संबोधन को सुना।

पीएम ने क्लाइमेट चेंज की बैठक का एजेंडा सेट किया

इसके अलावा जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्लाइमेट चेंज की बैठक का एजेंडा सेट किया है, साथ ही ये भी कहा कि भारत ने क्लाइमेट चेंज पर दुनिया को रास्ता दिखाने का काम किया है। उन्होंने बताया कि भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 450 गीगावाट सोलर एनर्जी उत्पादन किया जाए। जिसे भारत हासिल कर लेगा।

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