साउथ चाइना सी में चीन और अमेरिका के बीच तनाव का दौर जारी है। चीन लगातार दक्षिण चीन सागर में अपने पड़ोसी देशों को डराने के लिए युद्धाभ्यास कर रहा है और जंगी जहाज भेज रहा है। तो वहीं अमेरिका ने भी चीनी ड्रैगन को काबू में करने के लिए चौतरफा घेरेबंदी तेज कर दी है। कोरोना संकट के बीच दक्षिण चीन सागर में चीन की ‘दादागीरी’ के खिलाफ अमेरिका अब फूल प्रूफ अंदाज में कूद पड़ा है। ड्रैगन से निपटने के लिए उसको उसके घर में ही घेरने की तैयारी तेज कर दी है। अमेरिका ने ड्रैगन को काबू में करने के लिए जहां दक्षिण चीन सागर में जल, थल और आकाश से दबाव बढ़ा दिया है, वहीं ताइवान को भी अत्याधुनिक हथियार दिए हैं।
दक्षिण चीन सागर पर ‘कब्जा’ कर रहा चीन
अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेइ फंगे ने कहा कि अगर अमेरिका की तरफ से युद्ध के हालत पैदा किए गए तो चीन हर कीमत पर लड़ने को तैयार है। ड्रैगन ने साउथ चाइना सी में जबरन कब्जा तेज कर दिया है। पिछले दिनों चीन ने साउथ चाइना सी की 80 जगहों का नाम बदल दिया। इनमें से 25 आइलैंड्स और रीफ्स हैं, जबकि बाकी 55 समुद्र के नीचे के भौगोलिक स्ट्रक्चर हैं। यह चीन का समुद्र के उन हिस्सों पर कब्जे का इशारा है जो 9-डैश लाइन से कवर्ड हैं। यह लाइन इंटरनैशनल लॉ के मुताबिक, गैरकानूनी मानी जाती है। चीन के इस कदम से न सिर्फ उसके छोटे पड़ोसी देशों, बल्कि भारत और अमेरिका की टेंशन भी बढ़ गई है। क्योंकि चीन ने ताइवान को भी तगड़ी धमकी दी है।
अमेरिका ने शुरू की चीन की चौतरफा घेरेबंदी
चीनी ड्रैगन की इस चाल को मात देने के लिए अमेरिका ने भी जल, थल और नभ से पेइचिंग पर दबाव बढ़ा दिया है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपने 6 एयरक्राफ्ट कैरियर उतार दिए हैं। यूएस नेवी के मुताबिक एयरक्राफ्ट कैरियर ट्रूमैन, आइजनहावर, रीगर, निमित्ज, लिंकन और यूएसएस फोर्ड प्रशांत महासागर में गश्त लगा रहे हैं। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों और लड़ाकू विमानों से लैस ये विमानवाहक पोत चीन की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने में सक्षम हैं। यही नहीं परमाणु हथियारों से लैस कई पनडुब्बियों को भी अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है।
अमेरिका की आकाश से चीनी हरकतों पर नजर
अमेरिका ने ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर चल रहे तनाव के बीच आकाश से निगरानी को बढ़ा दिया है। करीब तीन महीने के बाद अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली ड्रोन में से एक MQ-4C Triton को जापान के पास स्थित गुआम नेवल बेस पर तैनात किया है। यह ड्रोन विमान सबसे आधुनिक माना जाता है। इसके जरिए अमेरिका 50 हजार फुट की ऊंचाई से 2000 मील तक निगरानी करने में सक्षम है। यह ड्रोन विमान 47 फीट लंबा है और इसके पंखों की चौड़ाई 130 फीट है। खाली ड्रोन का वजन 6,781 किलोग्राम है। यह ड्रोन 575 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से 30 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
अमेरिका ने क्षमता टेस्ट करने को उड़ाए 6 बॉमर
अमेरिका ने पिछले दिनों युद्ध की परिस्थितियों में अपनी तैयारियों को टेस्ट करते हुए लंबी दूरी तक मार करने वाले 6 बॉमर को उड़ाया है। यह बॉमर यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड ने यूरोपीय कमान और इंडो पैसिफिक कमान क्षेत्र में ऐसे वक्त में उड़ाया है जब दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ तनाव चरम पर पहुंच गया है। ये बॉमर 7 मई को उड़ाए गए हैं। स्ट्रैटेजिक कमांड ने कॉम्बैटेंट्स कमांड के साथ मिलकर ये अभियान चलाया है। इस दौरान वाइटमैन एयरफोर्स बेस से दो बी-2 स्पिरिट बॉमर, मिनॉट एयरफोर्स बेस से 2 बी-52एच स्टैटोफॉर्ट्रेसेस और बार्कस्डले एयरफोर्स बेस से दो बी522एचएस उड़ाया गया है। दुनियाभर में संभावित संकट और चुनौतीपूर्ण की स्थिति को देखते हुए अमेरिका ने अपनी तैयारियों को परखने के लिए बॉमर उड़ाया।
ऑस्ट्रेलिया में भेज रहा अमेरिका मरीन सैनिक
अमेरिकी नौसेना ने पश्चिमी प्रशांत सागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब दुनिया की अन्य सेनाएं कोरोना संकट को देखते हुए अपने पैर खींच रही हैं। बताया जा रहा है कि करीब 2500 यूएस मरीन और नौसैनिक ऑस्ट्रेलिया में तैनात रहेंगे। इस दौरान ये सैनिक अन्य मित्र देशों के साथ युद्धाभ्यास भी करेंगे। बता दें कि अमेरिकी मरीन जल और थल दोनों की जगहों पर युद्ध में माहिर होते हैं।