नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर ने बीते 6 महीनों से मेवा बाज़ार की कमर तोड़ कर रख दी है। बादाम, काजू, किसमिस और पिस्ता के भाव में जबरदस्त गिरावट आ गई है।
जनवरी-फरवरी, 2020 तक दुकान-गोदामों में भरा गया माल ऐसे ही रखा रह गया। मार्च के आखिर से बाज़ारों में सन्नाटा छा गया। अक्टूबर में भी उतनी संख्या में ग्राहकों ने बाज़ार की ओर रुख नहीं किया।जो निकले भी तो पहले ज़रूरत का सामान खरीदा।
मेवा रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल नहीं है।कारोबारियों की मानें तो 50 फीसदी से भी ज़्यादा मेवा इस साल नहीं बिका है। अब उम्मीद होटल-रेस्टोरेंट और शादी-ब्याह के सहलग पर टिकी हुई है। यही दो ऐसी जगह हैं जहां मेवे की भरपूर खपत होती है। लेकिन निगाहें सरकार पर टिकी हुई हैं।
कारोबारियों की इस फैसले पर टिकी निगाहें- खारी बावली। दिल्ली के थोक मेवा कारोबारी राजीव बत्रा ने बताया कि जिस दौरान कोरोना और लॉकडाउन के चलते बाज़ार बंद रहा तब कम से कम 50 फीसद से भी ज़्यादा माल बिक चुका होता था।
लेकिन ऐसे में न तो शादी-ब्याह हुए, न होटल-रेस्टोरेंट खुले और न ही किसी त्यौहार का लाभ बाज़ार को मिला. अब थोड़ी सी उम्मीद दीवाली के बाद आने वाले देवोत्थान के सहलग और होटल-रेस्टोरेंट पर पूरी तरह से टिकी हुई हैं। लेकिन यहां भी सरकार की नज़र टेढ़ी है.
शादी-ब्याह के लिए दिल्ली में 100 की तो यूपी में 200 की अनुमति है। अब जब तक शादी पार्टी में एक हज़ार तक लोग नहीं होंगे तो क्या खाना बनेगा और कितना मेवा इस्तेमाल होगा। वहीं होटल-रेस्टोरेंट में भी लोग नहीं आ रहे हैं। 20 फीसदी तक ही माल होटल-रेस्टोरेंट में सप्लाई हो रहा है।
सरकार से यह परमिशन चाहते हैं कारोबारी-मेवा और मसालों के थोक। रिटेल कारोबारी नूरी मसाले के संचालक मोहम्मद आज़म ने बताया कि, सरकार शादी-ब्याह में मेहमानों को जमा होने की परमिशन दे. वहीं होटल-रेस्टोरेंट को भी पूरी तरह से सामान्य रूप से चलाने की परमिशन दे। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह तय है कि बीते वक्त का माल अभी भी दुकान-गोदामों में भरा हुआ है.। नया माल आना शुरु हो गया है। नया माल नहीं बिका तो वो व्यापारी रेट डाउन कर देगा। वहीं पुराने माल को भी एक तय वक्त तक ही रखा जा सकता है, इसलिए औने-पौने दाम में उसे भी बेचने की मजबूरी होगी.।इसलिए दीवाली के बाद मेवा के रेट कोई भी रिकॉर्ड बना सकते हैं।
और सस्ते हुए काजू बदाम और पिस्ता- 15 दिन पहले और अब के रेट-
(1) अमेरिकन बादाम 900 से 660 रुपये किलो पर आया था. अब 540 से 580 रुपये किलो बिक रहा है।
(2) काजू 1100 से 950 रुपये किलो पर आया था. अब 660 से 710 रुपये किलो बिक रहा है।
(3) किशमिश 400 से 350 रुपये किलो पर आई थी. अब 225 से 250 रुपये किलो बिक रही है।
10 दिन पहले पिस्ता 14 सौ रुपये किलो के भाव से सीधे 11 सौ रुपये किलो पर आ गया था। हालांकि 10 दिन बाद पिस्ते के रेट में कोई बहुत ज़्यादा फर्क नहीं आया है। पिस्ता में 100 से 150 रुपये किलो का फर्क बाज़ार में देखा जा रहा है। जानकार बताते हैं कि ऐसा इसलिए है कि अभी पिस्ता की नई फसल के बारे में कोई ठीक-ठाक जानकारी बाज़ार में नहीं आई है। वहीं अखरोट की मिंगी बाज़ार में 800 से 850 रुपये किलो बिक रही है।सर्दियों के मौसम में अखरोट की सबसे ज़्यादा डिमांड होती है।
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