डाक्टर रजनीकान्त दत्ता
पूर्व विधायक, शहर दक्षिणी
वाराणसी ( यू पी )

राहुल गांधी का बीता हुआ कल उस उद्यंड और बिगड़ैल बालक की तरह है।जो लोकतंत्र की खाल ओढ़े वंश वादी राजतंत्र में चांदी का चम्मच मुंह में लिए हुए, एक उल्का पिंड की मानिन्द भारत के बतौर भावी दुर्भाग्य पैदा हुआ है।

द्वापर युग में Self-Ego से ग्रसित, अहम् ब्रह्मास्मि द्वितीयो नास्ति,की मानसिकता रखने वाला अहंकारी,अधर्मी दुर्योधन Delusional(झूठी गलत धारणाओं को सत्य मानकर उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्य करने वाला) व्यक्ति था।

दुर्योधन और राहुल गांधी में फर्क सिर्फ इतना है कि,दुर्योधन के पिता धृतराष्ट्र जन्मजात अंधे थे। लेकिन उस पुरुष स्थान पर राहुल गांधी की माता सोनिया गांधी है।जिन्होंने राहुल द्वारा किए जा रहे,दुष्कर्मो का सच जानकर,उसे सुधारने की जगह उसके जन्म काल से ही अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली और उसे एक बिगड़ैल सांड की तरह राजनीति के आनंद-कानन की हर मर्यादाओं को रौंदने के लिए छोड़ दिया।

राहुल खुद नहीं जानता कि वह भारत के हित में बोल रहा है या अहित में। जब तक उसे रटाया न जाए या पढ़ाया न जाए,लोग कहते हैं कि इसके अतिरिक्त वह जो भी बोलता है,वह संसद और विधायिका द्वारा किए गए कार्यों और संधियों के प्रति भ्रम पैदा करने वाला होता है और वर्तमान में उसकी Ex-Tempore भाषा माननीय भारत के प्रधानमंत्री के प्रति कुंठा और देशवासियों द्वारा उसे राजनेता न स्वीकार करने की प्रतिक्रिया है।जो देश को अपमानित करने और भ्रमित करने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है बल्कि एक मानसिक तौर पर एक दिग्भ्रमित ( Mentally Confused ) व्यक्ति का अरण्यरोदन है।

समझ में नहीं आता मीडिया और सत्ता पक्ष के लोग उसके इन प्रलापों पर ध्यान क्यों देते हैं और उन्हें चर्चित क्यों बनाते हैं।
अरे! उसके विचार तो गटर के पानी की तरह भयंकर बदबू फैलाते है । चाहे दिल्ली के सीवर का हो या देश के किसी अन्य भाग के सीवर का। हमेशा बर्दाश्त से बाहर दुर्गंध फैलाते रहेंगे और यदि सीवर Choke होकर Overflow हो गया, तो वह सांप्रदायिक दंगों,आरक्षण,दलित-सवर्ण अशांति के रूप में रायते की तरह पसर जाएगा। ऐसे समय में जब देश की सीमाओं पर हमारे जवान देश की अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे हैं,वे देशवासियों की इच्छाशक्ति और मनोबल को कमज़ोर करेंगे।

कहते कि आवारा पशुओं को खुलेआम समाज में घूमना कभी भी अकस्मात दुर्घटना का कारण बन सकता है। “खासकर जब वह किसी विशेष राजनीतिक घराने का हो” इसलिए उसे कांजी हाउस यानी कि जनहित और देशहित में अपने ही घर में नजरबंद कर देना चाहिए।

बीमार होने पर इलाज तो होगा ही।अगर बीमारी फैलाने की आशंका हो तो तत्काल प्रभाव से Precautionary Measure लेना आवश्यक है।

NOTE: मीडिया और कांग्रेस को छोड़ और अन्य सभी दलों के प्रवक्ताओं से करबद्ध निवेदन है।
राहुल गांधी और उनसे संबंधित किसी भी समाचार,चर्चा या वार्ता भविष्य में वर्तमान कालखंड के लिए वर्जित करे।क्योंकि कुछ लोग चर्चाओ में रहने के लिए ही आय-बाय-शाय बोलते रहते है।

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