प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। आज भी राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। दोपहर साढ़े ग्यारह बजे गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में चमोली हादसे पर अपना बयान देंगे। डीएमके, सीपीआई, आम आदमी पार्टी और शिवसेना के सांसदों ने किसानों के आंदोलन को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट से सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी घटाने की मांग के साथ शून्यकाल नोटिस दिया है।  

इसके अलावा, बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने ‘सुप्रीम कोर्ट में हिंदी या अन्य भाषाओं के इस्तेमाल’ की मांग के साथ शून्यकाल नोटिस दिया है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल वर्मा ने ‘केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर लैटरल एंट्री’ के खिलाफ शून्यकाल नोटिस दिया है।

राज्यसभा ने पूर्व सदस्य लाठर, माली व नाइजर के पूर्व राष्ट्रपतियों को श्रद्धांजलि दी
राज्यसभा ने मंगलवार को अपने पूर्व सदस्य महेंद्र सिंह लाठर, माली के पूर्व राष्ट्रपति अमदौ तुमानी टूर, नाइजर के पूर्व राष्ट्रपति ममादू तंदजा और इस्ताविनी साम्राज्य के पूर्व प्रधानमंत्री अंब्रोस माडवुलो डलामिनी को श्रद्धांजलि दी।सुबह, उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने लाठर, तुमानी टूर, ममादू तंदजा और अंब्रोस डलामिनी का पिछले दिनों निधन हो जाने का जिक्र किया।नायडू ने लाठर का जिक्र करते हुए कहा कि उनका पिछले दिनों 88 साल की उम्र में निधन हो गया। हरियाणा के करनाल में पैदा हुए लाठर पेशे से वकील थे और उन्होंने उच्च सदन में हरियाणा का अप्रैल 1988 से अप्रैल 1994 तक प्रतिनिधित्व किया था।

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संसद के बजट सत्र में सरकार व विपक्ष के बीच बीते एक सप्ताह से चला आ रहा गतिरोध लोकसभा में उप नेता व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपील के बाद समाप्त हो गया। सदन ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे बढ़ाया। इसके पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों के साथ बैठक कर उनको सदन चलाने के तैयार किया और सरकार से भी बयान दिलाया।

विपक्षी सदस्यों ने सोमवार शाम चार बजे लोकसभा की बैठक शुरू होते ही हंगामा किया और आसंदी के सामने आकर नारेबाजी की। इसके चलते सदन को पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी दलों के नेताओं से बात की। इसके पहले विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष को सदन चलाने के लिए भरोसा दे चुका था। तय हुआ कि सबसे पहले सदन के उप नेता राजनाथ सिंह विपक्ष से अपील करेंगे और उसके बाद विपक्ष अपनी बात रखकर सदन चलाएगा।

सदन दोबारा शुरू होने पर दस्तावेज सभा पटल पर रखने के बाद राजनाथ सिंह ने विपक्ष से सदन चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में जीवंत परंपरा को बनाए रखना किसी एक पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सबकी जिम्मेदारी है। सभी इस स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को बनाए भी रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष जैसे पद कोई व्यक्ति नहीं होते हैं, संस्था होते हैं। इन संस्थाओं की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। लोकसभा के उपनेता ने कहा कि राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई, प्रधानमंत्री ने जवाब दिया और उच्च सदन ने राष्ट्रपति के प्रति आभार प्रकट किया।

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