पूर्व रॉ एजेंट मनोज रंजन दीक्षित की कहानी रविवार को देशभर में चर्चा का विषय बनी रही। ‘टाइगर जिंदा तो है पर दाने दाने को मोहताज’ खबर सोशल मीडिया पर छा गई। इसके बाद गोरखपुर, गाजियाबाद, दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश से भी पूर्व रॉ एजेंट की मदद के लिए हाथ आगे बढ़े हैं।
गोरखपुर के हरिप्रसाद गोपीकृष्ण सराफ के उपक्रम एश्प्रा ज्वेल्स एंड जेम्स, पूर्व रॉ एजेंट मनोज रंजन दीक्षित को एक लाख रुपए की मदद करने जा रही है। इसके अलावा बहराइच के एक समाजसेवी ने भी मदद की बात कही है। गाजियाबाद के शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि वह उनको अपने प्रोजेक्ट में नौकरी देने को तैयार हैं। गाजियाबाद के ही समाजसेवी रवीन्द्र सैनी ने भी पूर्व रॉ एजेंट को रोजगार देने की बात कही है।https://cdn.jwplayer.com/players/2RnsfH1I-SBGWwnIq.html
वहीं, दिल्ली निवासी समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी हरपाल राणा सोमवार को मनोज रंजन दीक्षित से मिलने लखनऊ आ रहे हैं। खुद मनोज रंजन दीक्षित के पास कई राज्यों और शहरों से फोन आ चुके हैं। हर कोई उनकी मदद करने को तत्पर है। उन्होंने हिन्दुस्तान का आभार जताते हुए कहा है कि देश में हिन्दुस्तान जैसा मीडिया समूह है तो किसी को फिक्र करने की जरूरत नहीं है। कमजोर आवाज को बुलंद तरीके से अखबार ने उठाया है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
फेसबुक, ट्विटर, शेयर चैट, कू, टूटर और वाट्सऐप पर यह खबर दिन भर छायी रही। लोगों ने हिन्दुस्तान अखबार में प्रकाशित खबर की कटिंग पोस्ट करते हुए अपनी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। कुछ ने लाइव हिन्दुस्तान के लिंक को साझा करते हुए इस खबर को पोस्ट किया। ट्विटर यूजर नितिन कादियान ने खबर साझा करते हुए सलमान खान को टैग किया।
बिहार कैडर के प्रशासनिक अधिकारी शाहिद परवेज ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि देशभक्तों का सम्मान किया जाना चाहिए। उनकी मदद करनी चाहिए। वाराणसी के टैक्स एक्सपर्ट प्रेम शंकर मिश्रा ने फेसबुक और ट्विटर पर खबर को पोस्ट करते हुए लिखा कि हुत ही संवेदनशील मामला…सरकार को ऐसे देशभक्तों का ध्यान रखना चाहिये और उनके सम्मानजनक जीवन की व्यवस्थायें बनानी चाहिये।