कोरोना ने क्या कुछ नहीं बदल दिया। दुनिया का कोलाहल ही खत्म कर दिया। इटली में वो आतंक मचाया कि हज़ारों साल की परंपराएं ही ध्वस्त हो गईं। गुड फ्राइडे ( good friday)का प्रोसेशन पहली बार कोलोसियम के बजाय सेंट पीटर्स स्क्वायर(saint peters square ) पर किया गया, इस दौरान स्क्वायर पूरी तरह खाली था।
Procession प्रोसेशन में कुल 20 लोग शामिल हुए। इसमें आधे लोग वेटिकन ( vatican)की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टर और नर्स थे, जो कोरोनावायरस के मरीजाें की देखभाल care में लगे हैं। इसके अलावा जेल में सजा काट चुके लोग और उनके कुछ परिजन थे। इनके हाथ में क्रॉस और मशालें थीं। पोप (pope ) ने प्रोसेशन के दौरान इन लोगों की चिंताओं और विचारों को सुना। हर साल इस आयोजन में हजारों लोग शामिल हाेते हैं, लेकिन इस बार कैमरा क्रू ( camera crew)और वेटिकन के चुनिंदा कर्मचारी ही मौजूद थे।

इस बार गुड फ्राइडे की एक और प्राचीन परंपरा टूट गई। प्रोसेशन के अंत में हर बार पोप का प्रवचन होता है, जो करीब 90 मिनट(90 minute ) चलता है। इस बार प्रवचन नहीं हुआ। पोप फ्रांसिस ने सिर्फ प्रार्थना की। इससे पहले दिन में उन्होंने टीवी पर कोविड-19 के बारे में विचार रखे थे। उन्होंने उन डॉक्टरों, नर्सों, नन और पुरोहितों की प्रशंसा की, जो सैनिकों की तरह कोराेना की आपदा से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सूली पर चढ़ाए गए लोगों की कहानियों को याद किया।
वेटिकन शहर के निवासियों और कर्मचारियों के बीच काेराेनावायरस ( corona virus) के आठ संक्रमित मरीज हैं। इसलिए वेटिकन के पवित्र सप्ताह समारोह के सभी आयोजनों में लोगों का आना वर्जित कर दिया है। इटली में पिछले पांच सप्ताह से लॉकडाउन जारी है और संभव है इसे तीन और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया जाए। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को पहले ही वापस अपने देश भेजा जा चुका है। रोम (rome ) के लोग जरूरी कामों के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here