वाराणसी। बाबा की नगरी काशी अपने राज राजेश्वर पुराधिपति भूतभावन विश्वनाथ के महापर्व यानि महाशिवरात्रि के लिए पूरी तरह से तैयार हो रही है। इसी क्रम में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन भी भक्तों के लिए इस त्यौहार को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता लिहाजा इस बार महाशिवरात्रि को भक्तों को पहली बार पीएम मोदी के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर को नजदीक से देखने का अवसर मिलेगा। भक्तों में भी बाबा के दरबार को लेकर एक अलग ही स्तर का उत्साह देखने को मिल रहा है।

महाशिवरात्रि में बम बम बोलेगी काशी

अपने अलमस्ती और घंटे घड़ियाल के लिए पूरी दुनियां में मशहूर धर्मनगरी काशी 11 मार्च को बाबा की भक्ति में पूरी तरह से लीन दिखाई देगी, क्योंकि मौका है महाशिवरात्रि का और इसे लेकर काशी में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में इस बार लाखों भक्तों के आने की रिपोर्ट मिलने के बाद विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने निर्माणाधीन विश्वनाथ कॉरिडोर की भव्यता को दिखाने के लिए भक्तों को कॉरिडोर के रास्ते ही मंदिर में प्रवेश देने की भी प्लानिंग की है।

दरस तो मिलेगा पर परस नहीं, गर्भगृह के बाहर से होंगे दर्शन

सबसे बड़ी बात यह है कि कॉरीडोर में चल रहे काम के बीच भक्तों को सुरक्षित रखते हुए बाबा के मंदिर तक पहुंचाना एक बड़ा चैलेंज होगा, लेकिन दूर-दूर से आने वाले भक्तों को कॉरिडोर के इस भव्य स्वरूप को दिखाने के लिए चारों गेट से इस बार प्रवेश दिया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बीते सालों की तरह इस बार भी बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा। सिर्फ झांकी दर्शन ही भक्तों को उपलब्ध हो सकेगा।

धर्म-अर्थ-काम और मोक्ष के चार अलग-अलग हैं द्वार

दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर इस समय पूरे जोर-शोर से तैयार किया जा रहा है। 11 मार्च को पड़ रही महाशिवरात्रि की वजह से इसकी भव्यता को भक्तों तक पहुंचाने को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर प्रशासन ने एक नया प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अलग-अलग चार प्रवेश द्वार से एंट्री निर्धारित की गई है। मैदागिन क्षेत्र से आने वाले भक्तों को छत्ताद्वार से 20 मीटर पहले मंदिर चौक से मंदिर के पूर्वी गेट से दर्शन प्राप्त होंगे, जबकि इनकी वापसी मणिकर्णिका गली से की जाएगी। इसके अलावा गोदौलिया से आने वाले भक्तों बांसफाटक- ढुंडीराज गणेश होते हुए पश्चिमी गेट से प्रवेश कर सकेंगे। वीआईपी सुगम दर्शन और दिव्यांगों को छत्ताद्वार से प्रवेश कर मंदिर के दूसरे गेट से दर्शन कर वहीं से वापस निकाला जाएगा, जबकि स्थानीय लोगों पास धारकों को सरस्वती फाटक गली से मंदिर के दक्षिणी गेट दर्शन कराया जाएगा।

भक्तों की सुरक्षा को लेकर मुकम्मल इंतज़ाम

मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया है कि इस बार महाशिवरात्रि भक्तों के साथ मंदिर प्रशासन के लिए बेहद खास है, क्योंकि कोविड 19 की वजह से सावन में भक्त दूरदराज से बाबा के दर्शन को नहीं आ सके थे, लेकिन इस बार जबरदस्त भीड़ होने का अंदेशा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए प्लानिंग तैयार कर भक्तों को कॉरिडोर की भव्यता से भी रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए मंदिर में आने वाले भक्तों कॉरिडोर से होते हुए मंदिर के मुख्य भवन तक पहुंचेंगे और यह देख भी सकेंगे कि अंदर किस तरह से काम चल रहा है। अंदर तैयार हो रहे 24 भवनों के साथ ही लाल पत्थरों का संकुल भी भक्त देखकर बाबा के इस निर्माणाधीन कॉरिडोर के कार्यों को जान सकेंगे।

डिजिटल काशी में बाबा भी होंगे एलईडी बाबा पर लाइव

महाशिवरात्रि पर भक्तों को एक बड़ी एलईडी स्क्रीन के जरिए बाबा के गर्भ गृह से उनके दर्शन लगातार होते रहेंगे। इसके अलावा भक्तों को मैदागिन, गोदौलिया चौक क्षेत्र में साउंड सिस्टम से तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी। गोदौलिया से लेकर मैदागिन और लगता तक का पूरा इलाका नो व्हीकल जोन बनाया जाएगा। इमरजेंसी के लिए डॉक्टर्स की टीम की तैनाती भी की जा रही है।

सिर्फ झाँकी की अनुमति, बाहर से होगा गंगाजल और दूध अर्पित

मन्दिर प्रशासन ने भक्तों की भीड़ के अनुमान को देखते हुए स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है। महाशिवरात्रि के मौके पर आने वाले भक्तों को सिर्फ बाबा विश्वनाथ के बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह में किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी। बाहर लगाए गए पात्र में ही गंगाजल और दूध अर्पित किया जाएगा, जो सीधे बाबा विश्वनाथ पहुंच जाएगा। लोगों को सिर्फ झांकी दर्शन करवाते हुए जल्द बाहर निकालने की कोशिश होगी, जिससे कि भीड़ को नियंत्रित कर जल्द से जल्द दर्शन की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके और मंदिर में बेवजह भीड़ ना दिखाई दे।

सिक्योरिटी को लेकर फोर्स को दी गई है स्पेशल ट्रेनिंग

सुरक्षा की दृष्टि से भी जबरदस्त प्लान तैयार किया गया है. दूर-दूर से आने वाले भक्तों को कोई दिक्कत ना हो इसको देखते हुए फोर्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। 11 मार्च की सुबह से देर रात तक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से 10 एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एटीएस के 30 कमांडो तैनात किए गए हैं। वहीं शहर में 10 कंपनी सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स के जवान मौजूद रहेंगे। गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक और मैदागिन क्षेत्र में 25 डिप्टी एसपी, 415 दरोगा- इंस्पेक्टर, 1250 सिपाही- हेड कॉन्स्टेबल तैनात किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 200 महिला पुरुष पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में श्रद्धालुओं की तरह भीड़ में तैनाती दी जाएगी।

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