नड्डा, शिवराज, श्रीश्री रविशंकर, अनुपम खेर समेत आईएफडब्ल्यूजे ने भी की निंदा
वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वमी पर मुंबई में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के हमले को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कहा गया है। सबने इसकी निंदा की है और मांग की है कि इसकी जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाय।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस हमले की कड़ी शब्दों में निंदा की है और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। नड्डा ने ट्वीट करते हुए इस हमले को दुखद बताया है। उन्होंने कहा है, ‘ये हमला कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों द्वारा खुलेआम उन्हें धमकाने के बाद हुआ है। पत्रकार पर इस तरह के हमले को देखकर काफी दुख होता है।
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने हमले को कायराना बताते हुए घोर निंदा की है।
इधर इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्ल्यूजे)ने अर्नब पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। एक वक्तव्य में परमानंद पांडे ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार इस घटना की जांच करे और हमलवारों पर कड़ी कार्रवाई करे। क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। समाज के हर वर्ग को इसका विरोध करना चाहिए।
न्यूजपेपर एसोसिएशन आफ इंडिया के महासचिव डॉ विपिन गौर ने कहा कि ‘मैं तथाकथित उन पार्टी के बहादुरों द्वारा अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर हमले की पूरी तरह से निंदा करता हूं। यह पूरी तरह से कायरता है। जो लोग मीडिया की स्वतंत्रता के बारे में दोषी ठहराते थे, वे अब इसे कुचलने पर तुले हुए हैं।’
अभिनेता अनुपम खेर ने हमले को कायराना करार देते हुए कहा कि देश बदल चुका है दोस्तो। ये सब चलने वाला नहीं। अर्नब ! देश के करोड़ों लोग आपका कवच हैं। आपका कोई बाल बाँका नहीं कर सकता। जय हो!!
उन्होंने लिखा, लोगों की जिद हैं, हम पर बिजलियां गिराने की, तो हमारी भी जिद है वहीं पर मंजिलें बनाने की।
वहीं श्रीश्री रवि शंकर ने ट्वीट कर कहा कि ‘मतभेद के कारण कभी हिंसा नहीं होनी चाहिए। अर्नब पर हमला न केवल लोकतंत्र के चौथे स्तंभ बल्कि मानव अधिकारों पर भी हमला है। इसकी निंदा की जानी चाहिए।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया। कहा, अर्नब गोस्वामी पर हमला पत्रकारिता और फ्रीडम आफ स्पीच के अधिकारों का हनन है। सच्चाई का गला घोंटने के अपने कुत्सित प्रयास में कांग्रेस सफल नहीं होगी। वैचारिक मतभेद है, तो उसका जवाब विचारों से दीजिए। डराकर किसी की आवाज को आप दबा नहीं सकते हैं।