विशेष संवाददाता

इस कहावत पर कभी पूरा यकीन करने का दिल नहीं किया कि जो जितना अघाया, वो उतना ही दरिद्र होता है। इसका तात्पर्य धन के होने से लगाया गया। धन हो तो कई और नई इच्छा पूरी होने की गारंटी (guarantee)होती है। लेकिन एक घटना फिर वैसी हुई, जो पहले से होती रही है। धन्य धान्य से भरपूर एक महिला ने और माल अपनी आलमारी में भरने के लिए हज़ारो युवाओं को नशे के दलदल में धंसा दिया।

पति का आयात निर्यात का मोटा कारोबार। मैडम का बिजनेस ( business) भी अच्छा भला। फिर भी, कुछ वक्त को ‘कमाई’ में हुए घाटे की भरपाई को, मैडम ने भयानक फैसला ले लिया। वो फैसला जिसने करीब 2000 से ज्यादा नौजवानों/छात्रों को नशे के दलदल में उतार दिया। फिलहाल कानून के शिकंजे में फंसी मैडम अब थाने-चौकी के धक्के खा रही हैं।

ये सभी सनसनीखेज खुलासे नशे की सौदागार ‘व्हाट्सएप-मैम’ ने पुलिस पूछताछ में किये हैं। कॉन्वेंट मे पढी इस हाई प्रोफाइल( high profile) महिला ड्रग तस्कर को दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके से पुलिस ने बीते दिनों ही गिरफ्तार किया था।

महिला युवाओं और छात्रों को खुद ही लॉकडाउन में ड्रग ( drug) सप्लाई करने जाती थी। महिला होने के नाते उस पर किसी पुलिस वाले को जल्दी शक नहीं होता था।

गिरफ्तारी के बाद जब महिला को पुलिस ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया, तो एक के बाद एक राज बेपर्दा होने लगे। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला ड्रग तस्करी के आर्डर व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये ही बुक करती थी। ड्रग सप्लाई की एक पूरी कड़ी थी। इस चेन (chain )में अधिकांश छात्र और बिगड़ैल किस्म के युवा थे। रिमांड के दौरान की जा रही पूछताछ में पता चला है कि, आरोपी महिला ई-सिगरेट, जूल एवं नार्ड जैसे अत्याधुनिक नशे सहित इन्हें इस्तेमाल करने के लिए उपयोग में आने वाले उपकरण भी सप्लाई करती थी। इन उपकरणों के लिए मनमर्जी मोटी रकम वसूलती थी। मामले का भांडा तब फूटा जब व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल एक लड़के की मां ने बेटे की इस नशा सप्लायर महिला के बीच की चैट पढ़ ली। जिस छात्र की मां ने व्हाट्सएप चैट पढ़ी वो उत्तर पश्चिमी जिले में स्थित एक हाई प्रोफाइल निजी स्कूल का छात्र है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मां द्वारा इस चैट को पढ़ने के बाद ही इस बात का भांडा फूटा कि, छात्र ने बैंक खातों से जो लाखों रुपये निकाले थे वे भी नशे की इसी लत को पूरा करने के लिए थे।
मुखर्जी नगर थाना पुलिस की अब तक की पूछताछ में पता चला है कि, महिला अक्सर उन स्कूलों पर नजर रखती थी, जिनमें ‘फेयरवेल-कल्चर’ अपनाया जाता है। इन स्कूली फेयरवेल पार्टियों में शामिल होने वाले धन्नासेठों के बच्चों को यह महिला काबू कर लेती। उसके बाद उन्हें मोटी रकम के बदले ड्रग सप्लाई करती।

पुलिस द्वारा महिला से की गयी पूछताछ के मुताबिक, अब तक इस आरोपी की गिरफ्त में 2000 से ज्यादा विद्यार्थियों और युवकों के फंसे होने का अनुमान लगाया जा सकता है। बाकी यह जांच अभी बहुत लंबी चलेगी। इस महिला के पीछे की चेन में कौन कौन है? पुलिस उस चेन को भी तलाश रही है। हालांकि महिला की गिरफ्तारी की खबर मीडिया में फैलते ही यह चेन भूमिगत हो चुकी है।

पुलिस जांच में ही इसका खुलासा हुआ है कि, महिला ई-सिगरेट से लेकर हुक्का, नार्ड-किट, जूल पॉड्स तक सब कुछ उपलब्ध करा रही थी। जूल की कीमत करीब चार-पांच हजार के आसपास बताई जाती है। जबकि इसके साथ ही अटैच होने वाला पॉड्स 3 से 5 हजार के बीच मिलता है। हालांकि इन सबमे महंगा होता है नार्ड किट। इसकी कीमत 6 से 8 हजार के बीच भी हो सकती है। यह सब कुछ महिला ड्रग तस्कर महज एक व्हाट्सएप मैसेज पर ग्राहक को मुहैया करा देती थी। डिलीवरी करने खुद ही पहुंचती थी। ताकि डिलीवरी देने जाने वाला कोई अन्य या बिचौलिया कहीं ग्राहक से अपनी सीधी सेटिंग न कर ले।

महिला के शातिराना दिमाग का अंदाजा इससे भी लगता है कि वो पेमेंट पेटीएम से ही लेती थी। एक ही छात्र को 3 से 4 लाख की ड्रग सप्लाई की बात अभी सामने आयी है। पुलिस इस हिसाब से महिला की अनुमानित कमाई करोड़ों रुपये में मानकर जांच कर रही है। पता चला है कि महिला सन 2014-2015 के आसपास नशे के कारोबार में तब उतरी थी, जब उसे प्रॉपर्टी के धंधे में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ गया। महिला का सोचना था कि, ड्रग के कारोबार में वो जल्दी ही घाटे के भरपाई कर लेगी।

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