लखनऊ। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद माफिया और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी बुधवार को पेशी के लिए मोहाली कोर्ट ले जाया गया। इस दौरान वह यूपी नंबर की एंबुलेंस में सवार दिखा। इसके बाद से ही एंबुलेंस को लेकर नए खुलासे होते जा रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह का बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब भेजी गई एंबुलेंस लग्जरी और बुलेट प्रूफ है। सरकार इसकी जांच कराएगी।
सपा और कांग्रेस भी है साज़िश में शामिल
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सपा और कांग्रेस सरकारों ने मुख्तार अंसारी को सपोर्ट किया। उसी का परिणाम है कि आज सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस का निजी इस्तेमाल मुख्तार कैसे कर रहे हैं? या बड़ा सवाल है। एंबुलेंस एक अस्पताल के नाम पर है। हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और कार्रवाई भी करेंगे। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि आखिर वह कौन सी सरकार थी? जिसके कार्यकाल में मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस मिली। वह भी निजी इस्तेमाल के लिए. उसको लग्जरी बनाया गया। बुलेट प्रूफ बनाया गया।
पंजाब सरकार भी दे जवाब, निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल कैसे?
उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब सरकार को भी बयान देना चाहिए कि आखिर निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी पंजाब में कैसे कर रहा है? इसकी भी जांच होनी चाहिए। हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।
डॉ अलका राय के हॉस्पिटल की है एम्बुलेंस
बता दें बाहुबली विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस द्वारा पंजाब के रोपड़ जेल से बुधवार को मोहाली कोर्ट लाया गया था। वह एंबुलेंस मऊ जनपद के एक प्रतिष्ठित महिला चिकित्सक डॉ अलका राय के हॉस्पिटल के नाम से रजिस्टर्ड है। डॉ अलका राय ने एम्बुलेंस को अपना होने से सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उक्त एम्बुलेंस से मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है।
डॉ अलका राय और श्याम संजीवनी अस्पताल का नाम आया सामने
एंबुलेंस देने का मामला बोतल के जिन्न की तरह बाहर निकल आया है। डॉ अलका राय के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से एंबुलेंस रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर बाराबंकी जनपद से जारी किया गया है। इस सम्बंध में डॉ अलका राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्ष 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि द्वारा हॉस्पिटल के नाम से एंबुलेंस संचालित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर इत्यादि मांगे गए थे। जिसको उनके हॉस्पिटल के निदेशक द्वारा पूरा किया गया था। लेकिन उसके बाद वह एंबुलेंस कहां आया? कहां गया? इसकी जानकारी उन्हें नहीं हो सकी है।
अलका राय ने कहा कि मऊ जनपद में श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम से उनका एक हॉस्पिटल है। जबकि उक्त एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जनपद से किया गया है। जहां उनका कोई हॉस्पिटल या संस्था संचालित नहीं होता है। श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी से मेरा कोई लेना देना नहीं है। उस एंबुलेंस से मुख्तार के सेवा की सूचना भी मीडिया द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया।
बाराबंकी में रजिस्टर्ड है एंबुलेंस
गौरतलब हो कि पंजाब मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी के बुधवार को कोर्ट में पेशी हुई थी। इसके लिए उसे रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट जाना पड़ा था। रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट तक मुख्तार को यूपी के नंबर की एक निजी एंबुलेंस है लाया गया था। छानबीन करने पर पता चला कि एंबुलेंस यूपी के बाराबंकी के एक निजी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर्ड है। उसका नंबर यूपी 41 एटी 7171 है। यूपी में एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली कंपनी का कहना है कि मुख्तार अंसारी को मोहाली को ले जाने वाली एंबुलेंस उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल से नहीं जुड़ी है। अब इस मामले को लेकर एक नया विवाद और प्रश्न खड़ा हो गया है।