नई दिल्ली, 3 जुलाई 2023। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यूपीए कार्यकाल के खोये दशक के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में सरकार बनने के बाद देश के टेलीकाॅम सेक्टर के विकास में तेजी आई है। केंद्रीय मंत्री बुधवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने चार प्रमुख बिंदुओं का जिक्र करते हुए यूपीए कार्यकाल और मोदी सरकार के बीते नौ साल के कार्यकाल के दौरान टेलीकाॅम सेक्टर की स्थिति की तुलना की।

आईटी राज्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार के दौरान दूरसंचार सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार और क्रोनी कैपिटलिज्म पर लगाम लगी है और और निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। साथ ही, आयात पर निर्भरता कम हुआ और दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘दूरसंचार में यूपीए कार्यकाल का 10 साल निश्चित रूप से एक खोया हुआ दशक था। यह घोटालों का दौर था, चाहे वह 2जी घोटाला हो या ट्रंक एक्सचेंज घोटाला हो। यहां तक कि बीएसएनएल की स्थिति भी 2014 तक खराब हो चुकी थी। वह क्रोनी कैपिटलिज्म और क्रोनी लाइसेंसिंग का दौर था। जबकि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरते दूरसंचार नेटवर्क में शुमार है। हमने पूरी पारदर्शिता और निष्ठा के साथ स्पेक्ट्रम की नीलामी की और लाइसेंस जारी किए। स्पेक्ट्रम नीलामी से प्राप्त प्रत्येक रुपया सरकारी खजाने में गया है और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं पर उसे खर्च किया गया है।’’

मंत्री ने निवेशकों की धारणा में बदलाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में क्रोनी कैपिटलिज्म और भ्रष्टाचार के कारण विदेशी निवेशकों में झिझक थी। लेकिन अब, ईज आॅफ डुइंग बिजनेस और सरकार द्वारा किए गए सुधारों से भारतीय और विदेशी दोनों निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ा है और उनका रुख सकारात्मक है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ यूपीएक के कार्यकाल में पूंजी का पलायन और विदेशी निवेशकों का पलायन हो रहा था। भारत में निवेश करने वाले टेलीकाॅम सेक्टर के बड़ी कंपनियां देश छोड़ गईं, क्योंकि उनके व्यवसाय मुख्य रूप से भ्रष्टाचार या क्रोनी कैपिटजिज्म के कारण नष्ट हो गए थे। लेकिन इंडिया टेकेड के दौरान ईज आॅफ डुइंग बिजनेस यानी व्यापारिक सुगमता और सरकार के सुधारों के कारण निवेशकों रुख में स्थिरता आई है। हम इस क्षेत्र में तेजी से निवेश कर रहे हैं, समग्र बाजार पूंजीकरण और डिजिटल अर्थव्यवस्था में इसका आकार बढ़ा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि आज दूरसंचार उपकरणों के लिए आयात पर हमारी निर्भरता कम हो गई है। उन्होंने कहा कि खोए हुए दशक में 85 फीसदी से अधिक उपकरण आयात किए जाते थे। जबकि, इंडिया टेकेड के वर्तमान दौर में भारत आत्मनिर्भर हो गया है और तकरीबन शतप्रतिशत उपकरण आज भारत में बनाए जाते हैं, उनकी टेस्टिंग और असेंबलिंग होती है।’’

मंत्री ने कहा कि आज भारत में बने उपकरणों का निर्यात उत्तर अमेरिका में हो रहा है।

आईटी राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘ खोये दशक में उपभोक्ताओं को दूरसंचार में सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार गिरावट का सामना करना पड़ता था, लेकिन इंडिया टेकेड में पूरा समीकरण ही बदल गया है। आज नेटवर्क की गुणवत्ता उच्च स्तर पर है, ऑपरेटरों को वायरलेस नेटवर्क में अधिक बेस स्टेशन और क्षमता निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा हरा है। हम दुनिया में दूसरा सबसे तेज रफ्तार 5जी नेटवर्क का विस्तार करने वाला देश बन गए हैं। भारत में 700 से अधिक जिलों में पहले से ही 5जी कवरेज है। इस अत्याधुनिक तकनीक में 500,000 से अधिक बेस स्टेशन शुरू किए गए हैं और हमारे पास पहले से ही 6जी के लिए एक विजन और रोडमैप है।’’