लखनऊ । गणितीय सूत्रों से कोरोना वायरस के संक्रमण की चाल देखकर अमूमन सटीक विश्लेषण करते रहे आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल का आकलन सभी को भरोसे का संदेश देने वाला है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बहुत कम है और यदि लहर आती भी है तो उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य संसाधन अब काफी मजबूत हैं।

यूपी के कोविड प्रबंधन पर पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल, ने अपने संस्थान व देश के साथ अमेरिका में जा बसे वैज्ञानिकों को लेकर कोरोना की पहली और दूसरी लहर के प्रकोप से निपटने के लिए योगी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों, संक्रमण की रोकथाम में उनके असर, जीवन और आजीविका में मदद के साथ ही कई पहलुओं पर अध्ययन किया। उन्हीं रिपोर्ट का संकलन ‘कोविड संग्राम, यूपी माडल : नीति, युक्ति, परिणाम’ प्रकाशित हुआ है जिसका विमोचन सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, नीति आयोग के सदस्य डा. विनोद पॉल और मुख्य सचिव आरके तिवारी की मौजूदगी में लोकभवन में किया गया।

प्रो. मणींद्र अग्रवाल की टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि विशेषज्ञ अब तक आशंका जता रहे थे कि दशहरा और दीपावली के आसपास तीसरी लहर आ सकती है। कोरोना को लेकर मणींद्र अग्रवाल का विश्लेषण काफी हद तक वास्तविकता के निकट रहा है। प्रो. अग्रवाल ने कोविड प्रबंधन के लिए योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। दूसरी लहर में संपूर्ण लाकडाउन न लगाते हुए जीवन के साथ जीविका को चलाने के निर्णय के परिणाम बताए। कहा कि सही समय पर सही निर्णयों के असर का जो अध्ययन विशेषज्ञों ने किया है, उसमें देश के पांच राज्य हैं और इनमें यूपी अव्वल है। कोरोना के दौरान यूपी की बेरोजगारी दर का 11 से घटकर चार फीसद पर आ जाना उल्लेखनीय है। प्रो. अग्रवाल ने योगी के यूपी माडल को महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, केरल जैसे राज्यों की तुलना में बेहतर बताया।

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