सी के मिश्रा
नई दिल्ली । अभी थोड़ी देर भारत में 2022-23 के लिए बजट पेश होगा जिसको चौथी बार वित्त मंत्री श्रीमती सीता निर्मलारमण जी संसद में प्रस्तुत करेंगी।
भारत में बजट हमेशा संभावनाओं और आशाओं का होता हैl बजट विकास रोजगार व राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता हैl वैसे आंकड़ों के हिसाब से भारत में रोजगार की बड़ी समस्या बनी हुई है लेकिन आत्मनिर्भरता की सहायता से इसकी समस्या को भारत ने कुछ अंशों तक दूर कर लिया हैl
पिछले कुछ महीनों में देखा गया है कि स्वयं को लेकर प्रधानमंत्री व राज्य सरकारें बहुत उत्सुक है कभी उनके साथ फोटो खिंचवा जाता है तो कभी उनको अधिक योजनाओं में लाभान्वित करने के लिए कोशिश की जा रही है तो इस बजट में भी श्रमिकों के लिए कुछ अच्छा ही होगा।
भारत में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर को ही ज्यादा मजबूती देने की सरकार की इस बार भी योजना होगी।
इस बार खर्चों को देखते हुए सरकार सैलरी क्लास मैं कुछ छूट दे सकती हैं जैसे कि NPS की लिमिट या धारा 80 सी के अंदर उसकी सीमा बढ़ाकर।
पिछले 2 साल से लोग लॉकडाउन की वजह से घरों में काम कर रहे हैं जिससे उनके खर्चे में बढ़ोतरी हुई है तो सरकार उनको स्टैंडर्ड डिडक्शन के माध्यम से छूट दे सकती है ।
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत बड़ा स्कोप है जिसको सरकार हमेशा आगे करने में लगी हुई है इंफ्रास्ट्रक्चर में बजट बढ़ाने की पूरी आशा हैl
लॉकडाउन की वजह से लोग अपनी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे हैं। सरकार उसमें भी सहूलियत दे सकती है ।
पांच राज्यों के चुनाव है इसलिए यूपी पंजाब आदि को कैपिटल इन्वेस्टमेंट में प्रोत्साहन के लिए बजट दिया जा सकता है ।
सरकार डिजिटलाइजेशन के लिए बहुत जोर जोर से काम कर रही है बजट की संभावनाएं वहां भी बहुत ज्यादा है l
सबसे महत्वपूर्ण व ज्यादा रोजगार देने वाली योजना आत्मनिर्भर भारत में मेक इन इंडिया के तहत विभिन्न योजनाओं का भी आह्वान किया जा सकता है l
भारत में छोटी संस्थाओं को लोन देने के लिए भी नियम को और सरल बनाया जा सकता है । क्योंकि अगर लोन सस्ते होंगे तो रोजगार में वृद्धि होगी। वैसे तो यह सरकार हमेशा से ग्रीण एरिया को तवज्जो दे रही है l
इस बार भी रूलर एरिया को विकसित करने वाली योजनाओं में बजट बढ़ा सकती है और नई योजना भी ला सकती है।
नए हॉस्पिटल व हेल्थ सिस्टम को सही करने के लिए योजनाओं का ऐलान हो सकता है l
देश में रेलवे को लेकर के एक बड़ी स्कीम बड़ी योजना की घोषणा जा सकती है क्योंकि रेलवे में रोजगार की संभावनाओं का भी एक असर देखा जा रहा है।
भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि लोगों की एक जीव आत्मा की तरह है। बहुत से उद्योग कृषि पर आधारित है। पिछले 2 सालों से सबसे महत्वपूर्ण किसानों के मुद्दे पर सरकार कुछ बड़ी योजना का प्रस्ताव कर सकती है क्योंकि क्योंकि लॉक डाउन में देखा गया था कि इंडस्ट्री में भले ही कशमकश की स्थिति बनी हुई थी लेकिन हमारा कृषि उद्योग अपनी ऊंचाइयों को छू रहा था।