अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संकट के चलते दुनिया भर की इकोनॉमी आर्थिक मंदी में प्रवेश कर चुकी है। उनके मुताबिक इस संकट से उबरने के लिए दुनियाभर की विकसित अर्थ व्यवस्थाओं को बड़ी रकम और मदद की दरकार होगी।

सम्मिलित प्रयास ही होंगे कारगर

जॉर्जीवा के मुताबिक अच्छी बात यह है कि दुनिया भर के शीर्ष नेताओं ने माना है कि इस संकट से निबटने के लिए सम्मिलित प्रयास ही कारगर साबित होंगे। उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि हम आर्थिक मंदी में प्रवेश कर चुके हैं। दुनियाभर की इकोनॉमी एकाएक रुक गई है। उभरते बाजारों को इस संकट से निकलने में कम से कम 2.5 लाख करोड़ डॉलर की मदद की दरकार होगी।’

मदद की गुहार लगा रहे 80 से ज़्यादा देश

आइएमएफ प्रमुख के मुताबिक अब तक 80 से ज्यादा देश इस वैश्विक संस्था से आपात मदद की गुहार लगा चुके हैं। इस वैश्विक मंदी का असर दो बातों पर निर्भर करेगा। पहला यह कि कोरोना की मार कहां तक और कितनी पड़ती है। दूसरा यह कि का शीर्ष नेतृत्व इससे निबटने के क्या सम्मिलित प्रयास करता है।

आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि यद्यपि मंदी में भी रिकवरी संभव है यदि विश्‍व भर में कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाता है। जॉर्जीवा ने कहा, ‘हम 2021 में रिकवरी की उम्‍मीद करते हैं। वास्‍तव में रिकवरी शानदार होगी यदि हम हर जगह वायरस को काबू करने में सफल रहते हैं और तरलता की समस्‍या नहीं होने देते हैं।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here