दुनिया में इस्लाम का ठेकेदार बनने की कोशिश कर रहे तुर्की और पाकिस्तान को अमेरिका ने जबरदस्त झटका दिया है. अमेरिका ने उन्हें चाइल्ड सोल्जर प्रिवेंशन एक्ट की लिस्ट में शामिल कर लिया है. 

CSPA की लिस्ट में शामिल करने के बाद इन दोनों देशों पर अमेरिकी मिलिट्री ऐड और यूएन के शांति अभियानों में भागीदारी का रास्ता रुक सकता है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने बच्चों को युद्ध के मैदानों में झोंक देने वाले देशों की सूची जारी की है. इस सूची में कुल 15 देशों के नाम शामिल है.

द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में अफगानिस्तान, म्यांमार, कांगो, ईरान, लीबिया, माली, नाईजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया, साउथ सूडान, सीरिया, तुर्की, वेनेजुएला और यमन के नाम शामिल हैं. जानाकारी के मुताबिक अमेरिका ने वर्ष 2010 में इस प्रकार की लिस्ट बनानी शुरू की थी. उसके बाद से कांगो, सोमालिया और यमन हर बार इस सूची में शामिल किए जाते रहे हैं.

अमेरिका ने पहली बार इस सूची में तुर्की और पाकिस्तान को भी शामिल किया है. दोनों देशों के लिए यह बहुत बड़ा झटका है. इस लिस्ट में शामिल होने के बाद अमेरिका इन दोनों देशों को मिलिट्री ऐड रोक सकता है. साथ ही किसी पीस कीपिंग मिशन में उनकी भागीदारी पर भी रोड़ा अटका सकता है. 

अमेरिका ने कहा कि यह सूची 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक विभिन्न देशों के सशस्त्र बलों का अध्ययन करने के बाद तैयार की गई है. इसमें देखा गया कि किन देशों ने अपनी सेनाओं, पुलिस, सुरक्षाबलों या सरकार समर्थित सशस्त्र समूहों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को शामिल किया या शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया. 

सूत्रों के मुताबिक CSPA सूची में शामिल होने वाले देशों के अमेरिका अपने यहां मिलिट्री ट्रेनिंग, वित्तीय सहायता, हथियारों की खरीद और पीस कीपिंग ऑपरेशनों से प्रतिबंधित कर सकता है. प्रतिबंधित सूची में शामिल किए गए देशों पर यह बैन अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेगा. हालांकि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति चाहें तो इस सूची में शामिल कुछ खास देशों को छूट दे सकते हैं. 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here