मुंबई। बंबई हाई कोर्ट में 40 वर्षीय एक व्यक्ति ने याचिका दायर कर अपनी मां से मुआवजा मांगा है।

श्रीकांत सबनिस नाम के इस शख्स ने 2 साल की उम्र में उसे मुंबई में अकेला छोड़ देने तथा बाद में बेटे के तौर पर अपनाने से इंकार करने के लिए अपनी जैविक मां से डेढ़ करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है।

पेशे से मेकअप आर्टिस्ट, याचिकाकर्ता श्रीकांत सबनिस ने कहा कि जानबूझ कर अनजाने शहर में छोड़ दिए जाने के चलते उसका जीवन पूरी तरह कष्ट एवं मानसिक प्रताड़ना में बीता, इसके लिए उसे मुआवजा चाहिए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने अपनी मां आरती महासकर और उनके दूसरे पति (सबनिस के सौतेले पिता) से हर्जाना मांगा है। याचिका के मुताबिक, आरती महासकर की पहली शादी दीपक सबनिस से हुई थी और फरवरी 1979 श्रीकांत का जन्म हुआ था जब दोनों पुणे में रहते थे। इसमें कहा गया कि महिला बेहद महत्वाकांक्षी थी और फिल्म उद्योग में काम करने के लिए मुंबई आना चाहती थी। सितंबर 1981 में उसने बच्चे को साथ लिया और मुंबई के लिए रवाना हो गई।

याचिका में आरोप लगाया गया कि मुंबई पहुंचने के बाद महिला ने बच्चे को एक ट्रेन में छोड़ दिया और वहां से चली गई। साथ ही इसमें कहा गया कि रेलवे के एक अधिकारी ने बच्चे को एक बाल गृह में भेज दिया। याचिका में हाई कोर्ट से श्रीकांत सबनिस की मां को निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह स्वीकार करे कि सबनिस उसका बेटा है और उसने 2 साल की उम्र में उसे अकेला छोड़ दिया था। इस याचिका पर न्यायमूर्ति एके मेनन 13 जनवरी को सुनवाई करेंगे।

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