विशेष संवाददाता

शुक्रवार को फिर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ गया। देश के लिए अलार्म ( alarm)बजने वाली हालत है। बहुतेरे जिले काबू से बाहर दिख रहे हैं। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोयम्बटूर, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, यूपी और पंजाब जैसे राज्य रोगियों के बढ़ाव का संकेत लगातार दे रहे हैं। लेकिन जिस तबलीगी जमात ( tabligi zamat) ने जिस्माना विस्फोट किया है, उसके लोग अब भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब भी 500 की संख्या ऐसी है, जो छुप कर बैठी है। कितने जगहों से मोबाइल फोन ( phone) को स्विचआफ ( swich off) करके रूपोश हैं। पुलिस के पास आंकड़े तो हैं, लेकिन कहां छिपे हैं, यह कठिन सवाल है। सभी राज्यों ने चेता दिया है कि अब भी मौका है, खुद से आकर जांच के दायरे में शामिल कर लें, अन्यथा हमने पकड़ा तो गिरफ्तारी दिखाने के बाद धारा 307 में निरुद्ध भी किया जाएगा। वायरस (virus ) की चपेट में कौन किसके चलते आया, यह तो साफ हो गया है, लेकिन तबलीगी ने तो जान बूझकर इसमें पलीता लगाया और तो और मस्जिदों से थूकने से लेकर हर तरह की बदम्मी फैलाकर कोरोना वायरस ( corona virus )को अपना हथियार बनाकर फैलाया ? कोरोना वह है जो किसी जाति या धर्म को पूछकर नहीं आया है और न देखकर फैलेगा। इसने यह बता भी दिया है। अमेरिका से पूछ लीजिए चाहे ब्रिटेन, फ्रांस, इटली या स्पेन से पता कीजिए।

ये अपने को महाबली समझते थे, लेकिन कोरोना ने इन्हें घास-फूस बना दिया। तबलीगी जमात की एक बात और इस्लाम के उपदेशों से मेल नहीं खाती। सदभावना का संदेश ये है कि सबका ध्यान रखें। लेकिन लाख अनुरोध के बावजूद झुंड बनाकर मस्जिदों में नमाज पढ़ने से बाज नहीं आ रहे। धर्मगुरुओं की दरख्वास्त क्या ‘मारो, मत जाने दे’ जैसी दो अर्थी लाइन है? नहीं, यह सच में ऐसा नहीं है। ये तो मक्का-मदीना को भी नहीं मान रहे। वहां सबकुछ करोना वायरस के चलते बंद है। सउदी अरब का शाही परिवार मय खानदान कोरोना की चपेट में आ गया। उनके पास क्या कमी थी? कमी थी सावधानी बरतने में। उस परिवार के लोग यूरोप ( europe) में सैर करने के आदी थे और वहां तो महामारी की तरह कोरोना फैला है। संक्रमित तो होना ही था। संक्रमित तो तबलीगी भी करा बैठे, पर शायद ऐसा जानबूझ कर किया गया है। शहीदी बनने का जुनून यह भी करा सकता है? इशारा तो यही है वरना ऐसा कौन है जो जानबूझकर मौत के मुंह में समा सकता है?

हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा, फिलहाल कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं, सोलह हजार टेस्ट में दो फीसदी ही पॉजिटिव,

वैसे तो कोरोना वायरस के संक्रमित दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं और टेस्टिंग ( testing) की पूरी सुविधा न होने के बावजूद जो आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के आ रहे हैं, उसमें देश में कम्यूनिटी स्प्रेड की आशंका फिलहाल नहीं है। प्रेस कांफ्रेंस में हेल्थ मिनिस्ट्री (health ministry ) के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति नहीं है। अगर ऐसी कोई स्थिति बनी तो हम आपको सबसे पहले सूचना देंगे। उन्होंने कहा कि देश में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है। अभी हमें इसकी जितनी जरुरत है उससे दोगुना हमारे पास है। इसलिए किसी को यह सोचने की आवश्यकता नहीं है कि देश में इस दवा की कोई कमी है। आज देश में एक करोड़ दवा के पैकेट की जरुरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पर्याप्त संख्या में टेस्ट(test ) किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनवरी में हमने एक लैब से काम शुरू किया, उसे बढ़ाकर 15 पहुंचाया और आज 146 सरकारी लैब (lab )हैं, 67 प्राइवेट लैब हैं जिनके 16 हजार से ज्यादा कलेक्शन सेंटर हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी में हम रोजाना 100 टेस्ट कर रहे थे। एक हफ्ते पहले तक 5-6 हजार टेस्ट कर रहे थे लेकिन गुरुवार को हमने 16,002 टेस्ट किए। इनमें से करीब दो प्रतिशत केस ही पॉजिटिव आए हैं यानी संक्रमण की दर बहुत ज्यादा नहीं है।

मंत्रालय ने कहा, 49 हजार वेंटिलेटर (ventilator ) का आर्डर कर दिया है। इस विपरीत परिस्थिति में सफाईकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। इससे उनका उत्साह कम होता है, अगर वे हमारे साथ नहीं होंगे तो हम कोविड 19 के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ पायेंगे इसलिए हमें अपने व्यवहार में भी उनके प्रति धन्यवाद को लाना होगा।

देश में 6939 संक्रमित, 900 नये मामले, 206 की मौत, 515 रोगमुक्त

देश में कोराना संक्रमण के मरीजों की संख्या 6939 हो गई। देश में कुल नौ सौ और महाराष्ट्र में अकेले 229 नए मामले सामने आए। एक अप्रैल को 2059 संक्रमित थे लेकिन उसके बाद 4900 बढ़े। 10 दिन में ही कोरोना संक्रमण के मामलों में 70% की बढ़ोतरी हुई है। ये आंकड़े covid 19.org वेबसाइट के मुताबिक हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी देश में कुल संक्रमितों की संख्या 6 हजार 761 है। इनमें से 6 हजार 39 का इलाज चल रहा है। 515 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 206 की मौत हुई।

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