शोभायात्रा में दिखा सनातन धर्म का वैभव

वाराणसी : दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ से मणि मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के पांचवें दिन गुरुवार को सज-धजकर विशाल शोभायात्रा निकली।

शोभायात्रा में मणि मंदिर की झांकी से भव्यता छलकी। सनातन धर्म का वैभव दिखा। शोभायात्रा में श्रद्धा सैलाब उमड़ पडा। सर्वप्रथम धर्मसंघ द्वार पर शोभायात्रा में शामिल सभी झांकियों की उतारी गई आरती। इसमें मणि मंदिर व कतारबद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग की झांकी आकर्षण के केंद्र रहे। भव्य झांकी देख काशीवासी राहगीर अपलक हो गये। हाथ जोड़ ऊं नम: शिवाय जपने लगे। शोभायात्रा में एक जोड़ा हाथी, पांच ऊंट अगवानी कर रहे थे। दर्जनभर घोड़ों पर सवार यजमान व देवरुप में सजे नायक चल रहे थे। रथ जोड़ी पर धर्मसम्राट के शिष्य दीनदयालु महाराज व धर्मसंघपीठाधीश्वर शंकरदेव चैतन्य महाराज व अन्य संतजन विराजमान थे। भक्त उनपर फूल बरसाते रहे। इनके आगे-आगे पीले परिधान में चल रही महिलाएं राह बुहार रही थी। झांकी यात्रा की शोभा बढ़ा रही थी। भक्ति गानों से महिलाएं भावविभोर हो गई। देखते-देखते भक्तिविलीन महिलाओं के पग थिरकने लगे। उनके पग अंत तक थिरकते रहे। शोभायात्रा में गगनचुंबी धर्मध्वजा फहराते ही श्रद्धालुओं की भाव गंगा लहरा उठी। हर-हर महादेव हर-हर गंगे के उद्घोषघोष से काशी का भद्रवनी क्षेत्र गूंज उठा। चार किमी लंबी शोभायात्रा में डीजे बैंड बाजा शहनाई की धून पर श्रद्धालु दल झूमता नजर आया। इस दौरान मथुरा टोली के डांडिया नृत्य से काशी के चौराहों पर बरसाना दृश्यमान हो गया । शोभायात्रा की भव्यता से विदेशी सैलानी भी बंध गये। ढोल नगाड़े की धून पर खूब थिरके । इक्कीस हजार कदम की शोभायात्रा में कलाकार मुखौटा पहन करतब दिखाते तो भक्त पीला-लाल पट्टिका लहराकर उनका हौसला बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा अपरान्ह बारह बजे धर्मसंघ से निकलकर भेलुपुर सोनारपुरा अस्सी भदैनी रविदास चौराहा से मुड़कर संकटमोचन दुर्गाकुंड होते हुए चार बजे पुनःधर्मसंघ पहुंचा।

धर्मसंघ के सहसचिव राजमंगल पांडेय के अनुसार शोभायात्रा में ग्यारह सौ महिलाओं सहित सात हजार श्रद्धालु सहभागी बने।

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