विशेष संवाददाता
मानस मे एक चौपाई का हमारी दादी अक्सर उल्लेख किया करती थी।,” तामस देह भजन नहीं होई”। लाकडाउन के दौरान बजाय भगवत भजन के भारतीय गंदी अश्लील पोर्न फिल्में देख कर जिन्दगी तलाश कर रहे है। यही नहीं इस मामले में भारतीयों ने सारी दुनिया के देशों को पीछे छोड दिया है। लाकडाउन बढ कर 30 अप्रेल तक हो चूका है ।जाहिर है कि इस दौरान आपात और जरूरी सेवाओं मे लगे लोगो को छोड कर शेष घरों में कैद हैं और वो या तो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं या फिर घर बैठे हुए हैं।
इनमें ज्यादतर लोगों का रुझान पॉर्न की तरफ बढ़ गया है। दुनिया की सबसे बड़ी पॉर्न वेबसाइट पॉर्न हब के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। उसके अनुसार भारत इस मामले में पहले नंबर पर पहुंच गया है। वाह भारतीय शेरों क्या कहने !
पॉर्न हब के ताजा आंकड़ों के मुताबिक तीन हफ्ते के लॉकडाउन की अवधि में भारत में एडल्ट साइट्स पर जाने वालों का ट्रैफिक 95 फीसदी बढ़ा है.। आंकड़ों के मुताबिक भारत में मार्च के आखिर में आधिकारिक पाबंदियों के शुरू होने से पहले ही पॉर्न कंटेंट देखने में 20 फीसदी का उछाल आ गया था।
गौरतलब है कि भारत सबसे तेजी से उभरने वाला स्मार्टफोन मार्केट है जिससे लोगों तक पॉर्न सामग्री पहुंचनी आसान हो चुकी है.
लॉकडाउन की वजह से भारत, फ्रांस, जर्मनी, इटली, रूस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड और अमेरिका में पॉर्न वेबसाइटों के ट्रैफिक में जबरदस्त उछाल आया है।
पॉर्नहब के आंकड़े के मुताबिक 17 मार्च को फ्रांस में लॉकडाउन शुरू होने के बाद पॉर्न कंटेंट में 40 फीसदी का तत्काल उछाल आया। ऐसी ही तस्वीर जर्मनी की भी है. वहां 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने पर एडल्ट साइट्स के ट्रैफिक में 25 फीसदी की बढ़त हो गई ।
पॉर्न देखने के मामले में इटली भी अन्य देशों के मुकाबले पीछे नहीं है। यहां 9 मार्च को लॉकडाउन शुरू हुआ था और इस दौरान वहां एडल्ट कंटेंट की खपत में 55 फीसदी का उछाल आया।
रूस में आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन 30 मार्च से किया गया था जबकि 25 मार्च को ही सभी सिनेमा, नाइट क्लब बंद कर दिए गए थे। इसके बाद रूस में एडल्ट साइट्स वेब ट्रैफिक 56 फीसदी तक बढ़ गया।