जालंधर। फिरोजपुर में गत पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से पहले उनकी सुरक्षा में हुई चूक के मामले में नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया है, लेकिन एक टीवी चैनल  के स्टिंग में यह बातें सामने आई हैं कि प्रधानमंत्री की रैली से कुछ समय पहले तक पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की सूचना दे दी गई थी कि प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम कर दिया है।

चैनल के स्टिंग में सीआइडी के डीएसपी सुखदेव सिंह को यह कहते हुए दिखाया गया है कि दो जनवरी को उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की सूचना दे दी थी कि फिरोजपुर सहित मक्खू, हरीके, फाजिल्का व मोगा आदि से भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी फूल समूह के किसान प्रधानमंत्री की रैली में पहुंचकर उनका विरोध कर सकते हैं।

फिरोजपुर के उपायुक्त (डीसी), एसएसपी, फिरोजपुर रेंज के एआइजी को बता दिया गया था कि किसान पंडाल में पहुंच जाएंगे। अगर उन्हें पंडाल में न जाने दिया गया तो वह सड़क पर धरना दे सकते हैं। किसानों का सड़कों पर आने का कार्यक्रम पहले से ही तय था। वहीं, रैली वाले दिन भी जब प्रधानमंत्री का काफिला बठिंडा से निकला तो उस दिन भी हम लगातार पुलिस अधिकारियों को जानकारी देते रहे। एसएसपी फिरोजपुर को यह भी बताया गया था कि किसान फिरोजशाह का नाका तोड़कर आगे बढ़ गए हैं। उन्हें यह भी स्पष्ट बता दिया गया था कि जिस मार्ग से प्रधानमंत्री आने वाले हैं, उस पर किसानों ने जाम लगा दिया है। प्रधानमंत्री के वहां पहुंचने से कुछ देर पहले तक हम लगातार सूचना उपलब्ध करवाते रहे। उनको यह भी बता दिया कि किसान सड़क पर आ चुके हैं। हमारा काम सुरक्षा के लिए सूचना उपलब्ध करवाना था, जोकि हमने किया।

वे किसान नहीं कट्टरपंथी थे – थाना प्रभारी

वहीं, चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक थानाप्रभारी बीरबाल सिंह कह रहे हैं कि सभी को पता है कि विरोध हो रहा है। मैं पढ़ा-लिखा हूं और जानता हूं कि यह किसान नहीं थे, कट्टरपंथी थे और नाम किसान का दे दिया, क्योंकि किसानों के नाम पर कोई भी इकट्ठा हो जाता है।

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