विशेष संवाददाता

इस्लाम के नाम पर दकियानूसी बातें करने वाले मौलाना साद जैसों की कोई कमी नहीं है। आज के आधुनिक युग मे एक ओर बड़े-बड़े देश जहाँ इसकी दवा बनाने में नाकाम हैं वहीं तबलीगी मरकज प्रमुख साद की तरह एक मोलाना बजाय आधुनिक चिकित्सा के पैगंबर इत्र से कोरोना वायरस CORONAVIRUS के रोगियों को ठीक करने का दावा कर रहा था। जिन तीन मरीजों का उसने इस इत्र से इलाज किया वे बेचारे जन्नतनशी हो गये। पुलिस उस मौलवी की तलाश कर रही है।

इतना ही नहीं, ईरान के कोरोना वायरस संकट में extremists चरमपंथी धार्मिक मौलवी कोरोना पीड़ितों के Treatment उपचार में पारंपरिक इस्लामी चिकित्सा का भी उपयोग कर रहे हैं।

दरअसल पिछले दिनो एक मौलवी मोर्तेजा कोहंसल ने उत्तरी ईरान के गिलान प्रांत के अंजली स्थित एक अस्पताल में कोरोनो वायरस मरीज virus patient section सेक्शन का दौरा किया।

अपने इस दौरे में कोहंसल ने कुछ कोरोनो वायरस रोगियों के लिए इस्लामी उपाय लागू किया। दरअसल उसके हाथ में इत्र था, जिसे वह कोरोना रोगियों की नाक के नीचे लगा रहा था, जिसे उसने पैगबंर इत्र का नाम दिया। इतना ही नहीं, इस दौरान उसने वहाँ खड़े डॉक्टरों और नर्सों के साथ भी कुछ तस्वीरें लीं। गौर करने वाली बात यह कि कोहंसल ने जिस व्यक्ति के साथ फोटो ली थी, दो दिनों के बाद गिलान प्रांत में स्थानीय मीडिया में एक खबर छपी कि उस मोहसिन शरीफ की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरी तस्वीरों में दिख रहे शरीफ के दो दोस्तों की भी मौत हो गई।

अंजली के स्थानीय प्रशासन ने मोर्तेजा कोहंसल के लिए Arrest warrant गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर दिया है। इसके बाद से ही आरोपित अपनी गिरफ्तारी से बचता घूम रहा है।

उल्लेखनीय है कि कई सालों से ईरान में धार्मिक कट्टरपंथियों ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की आलोचना की है। इसके बजाय वहाँ इस्लामी उपायों के माध्यम से किसी भी बीमारी को ठीक करने का दावा किया जाता रहा है।

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