नई दिल्ली। जरूरतमंद लोगों को अलग-अलग तरह के कपड़ा उत्पादन और उससे जुड़े कामों के हुनर सिखाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘समर्थ योजना’ शुरू की हुई है। बताया जा रहा है कि ‘समर्थ योजना’ में केंद्र सरकार अब किसानों को भी जोड़ने जा रही है।

जानकार बताते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला इस बार के बजट में बिजली उत्पादन बढ़ाने, प्रदूषण कम करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने से जुड़ी एक मिश्रित योजना का ऐलान कर सकती हैं।

किसानों की आमदनी में होगी बढ़ोतरी

जानकार बताते हैं कि इस योजना को ‘समर्थ’ नाम दिया गया है। इस योजने में कोयले से बनने वाली बिजली परियोजनाओं में 5 फीसदी बायोमास का इस्तेमाल अनिवार्य कर किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से किसानों को सालाना लगभग 15,000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।

‘समर्थ योजना’ की सबसे खास बात यह है कि जब पराली का इस्तेमाल बिजली घरों में होगा तो इससे हर साल होने वाले वायु प्रदूषण से भी निजात मिलेगी। बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और बिजली बनाने में कोयले की मांग कम होगी।

प्रदूषण से भी राहत

‘समर्थ’ योजना किसानों को फसल की पराली को जलाने के बजाय उसे भूसे में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने की है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हर साल बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती है। अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली-एनसीआर के आसपास आसमान में छाई धुंध एक बड़ा मुद्दा बनता है। कहा जाता है कि यह धुंध किसानों द्वारा धान की पराली जलाने से होती है। हालांकि सरकार ने पराली जलाने पर कानूनन रोक लगाई हुई है। फिर भी किसान अगली फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए पराली जलाते हैं।

अब पराली का कमर्शियल इस्तेमाल होने से किसानों को एक तरह जहां पराली से छुटकारा मिलेगा और इसे बेचकर उनकी आमदनी होगी, वहीं खेतों में पराली ना जलने से वायु प्रदूषण भी कम होगा।

लगातार बढ़ रही है कोयले की खपत

भारत के बिजली प्लांटों में हर साल लगभग 700 मिलियन टन कोयले की खपत होती है। अगर इसमें 5 फीसदी पराली या अन्य बायोमास का इस्तेमाल होगा तो लगभग 35 मिलियन टन कोयला कम जलाया जाएगा। कोयला कम जलेगा तो कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। एनटीपीसी लिमिटेड और हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश ने बिजली पैदा करने के लिए ईंधन के रूप में बायोमास की खरीद शुरू कर दी है।

कोयला बिजली प्लांट

भारत के बिजली उत्पादन का मुख्य आधार 202.22 गीगावाट की कोयला-ईंधन वाली बिजली परियोजनाएं हैं। भारत की बिजली उत्पादन क्षमता के आधे से अधिक का उत्पादन कोयला बिजली प्लांट में ही होता है।।भारत के पास कोयले का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार है और दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक producer) देश है।

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