नई दिल्ली। शनिवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर जमा लाखों के हुजूम से स्तब्ध केन्द्र सरकार अपनी पूरी रौ में आ गयी। उसने सख्त कदम उठाते हुए सभी राज्यों से अपनी सीमाओं को सील करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से शुक्रवार और शनिवार को मजदूरों को उनके गंतव्य लेकर गयी बसों का संचालन रोकने के साथ यूपी और बिहार जाने वाली बसों की समस्त सेवाएं ठप कर दी है। उसने प्रवासी मजदूरों को बेलगाम सड़कों पर भागते देख कड़ा फैसला किया।
केंद्र सरकार ने राज्यों को भी निर्देश दिया है कि वे शहरों में लोगों की आवाजाही को बंद करें। सरकार ने सख्ती बरतते हुए कहा कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को 14 दिन के लिए पृथक केंद्र में भेजा जाएगा।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक हजार के पार हो गए हैं। अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है। दिहाड़ी मजदूर और ऐसे ही कामगार मानव बम की तरह हजारों की तादाद में मुंबई, जयपुर, सूरत जैसी जगहों से अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे थे ।
हालात देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे मजदूरों का मूवमेंट तत्काल रोका जाए। इन लोगों को सीमाओं पर ही 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया जाए और राज्य अपनी तरफ से इन लोगों के खाने-पीने का इंतजाम करें। इसके अलावा कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने वर्कर्स की सैलरी न काटें और वक्त पर उन्हें पैसा दें।
राज्यों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किराएदार से मकान मालिक एक महीने तक किराया न मांगे, ताकि वे वहीं बने रहें।
यूपी के सीएम योगी ने कहा है कि जो लोग दिल्ली या दूसरी जगहों से प्रदेश में आये हैं, उन्हें भी 14 दिन के लिए एकांतवास पर भेजा जाएगा।
इस बीच एक पत्रकार के मुम्बई में फंसे होने की जानकारी नेशन टुडे पोर्टल के प्रभारी पदमपति शर्मा ने यूपी के गृह सचिव अवनीश अवस्थी को देते हुए मदद की अपील की। इस पर सचिव ने कहा कि सरकार उनके वहां रहने और खाने का इंतजाम कर देगी लेकिन महाराष्ट्र से किसी को लाना संभव नहीं है।
यह पूछे जाने पर आखिर यह कैसे होगा, गृह सचिव ने बताया कि हमने महाराष्ट्र सरकार से इस बारे मे बात की है और कहा कि दोनों राज्य की सरकारें एक दूसरे के नागरिकों के रहने- खाने पीने, चिकित्सा व अन्य मदों के प्रबंध पर जो भी खर्च होगा उसका वे भुगतान करेंगी । मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि किसी को भी चिन्ता करने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र सरकार से बोल दिया गया है कि वो हमारे लोगों का ख्याल रखे। हम भुगतान करेंगे ।
महाराष्ट्र सरकार की तारीफ करनी होगी कि उसकी सख्ती का ही असर है कि दिलूली-यूपी सीमा जैसा नजारा उसकी सीमाओं पर नहीं दिखा।
दिल्ली और यूपी दोनो सरकारें निर्माण कार्य या अन्य क्षेत्रों के कामगारों के रहने की मुकम्मल व्यवस्था करे। इसके लिए वो बंद पडे सभी शिक्षण संस्थानो के अलावा मैरिज लान, होटल, गेस्ट हाउस का अस्थायी अधिग्रहण करने के साथ ही खेल मैदानों में कैम्प लगा कर उनके रहने का प्रबंध कर सकती हैं ।
हम यह न भूलें कि यूपी ने प्रयागराज मे अर्धकुम्भ के समय जो इन्तजाम किये थे उन्हे इतिहास मे सर्वश्रेष्ठ करार दिया गया है। उस कुशल प्रबंधन को इस आपदा की घडी मे एक बार फिर से दोहराने का समय आ गया है।