दिल्ली हाई कोर्ट महिला वकील फोरम DHCWLF के 77 सदस्यों ने CJI को पत्र याचिका भेजी है।

याचिका में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नरसंहार का आह्वान करना, अल्पसंख्यकों को बदनाम करना, उनके बारे में फर्जी खबरें फैलाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट हर जिले के DM और SP को उचित निर्देश जारी करे।

इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और उनका सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार सुनिश्चित करने का केंद्र और राज्य को उचित निर्देश जारी करने की मांग की है।

याचिका में इस नीलामी पर सख्ती से रोक लगाए जाने की मांग के साथ मामले की जांच IPC की धारा 120 समेत अन्य समुचित धाराओं के तहत नियत समय में किए जाने के निर्देश दे। जिसमें फंडिंग के स्रोतों, मनी ट्रेल और ऐप को विकसित करने वाले मास्टरमाइंड की जांच भी शामिल है।

याचिका में आगे कहा गया है कि ऐसे ही सुल्ली डील ऐप के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया था और जांच तक शुरू नहीं हुई थी। यही कारण है कि इस घटना के शिकार लोगों में हाई कोर्ट के मौजूदा जज की पत्नी भी शामिल है।

दरअसल सैकड़ों प्रभावशाली मुस्लिम महिलाओं को तस्वीर को बुली बाई ऐप पर डाला गया। जिसमे फर्जी तस्वीरे भी शामिल है। यह वाक्या सुली डील्स ऐप पर विवाद खड़ा होने के कुछ महीनों बाद सामने आया है।

फिलहाल मुंबई पुलिस द्वारा बुल्ली बाई ऐप मामले में मास्टरमाइंड समेत कई गिरफ्तारी की जा चुकी है।

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